ईपीएफ के दायरे में दस श्रमिकों वाली फर्म भी
नई दिल्ली। छोटे-छोटे कारखानों और दफ्तरों में काम करने वाले मजदूरों और कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ऐसी फर्मों व फैक्ट्रियों को भी कर्मचारी भविष्य निधि फंड (ईपीएफ) के दायरे में शामिल करने की तैयारी में हैं, जहां कम से कम दस कर्मचारी कार्यरत हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। उनका कहना था कि इसके लिए सरकार ईपीएफ कानून में जरूरी संशोधन करेगी।
बकौल दत्तात्रेय, “कानून में बदलाव कर दस कर्मचारी वाली फर्मों को भी ईपीएफ के दायरे में लाने की योजना है। इससे अधिक से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिल सकेगा।” वर्तमान में 20 या उससे अधिक कर्मचारी वाली फर्मों में ईपीएफ अनिवार्य है।
एक सवाल के लिखित जवाब में बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि पेंशन स्कीम के तहत नियोक्ता के अनिवार्य अंशदान से अधिक योगदान करने के लिए कर्मचारियों को इजाजत देने संबंधी कोई भी प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के अधिक से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ पहुंचाने की कोशिश हो रही है। इसके लिए कई अन्य योजनाओं को भी लागू किया जाएगा।