अद्धयात्म

ईर्ष्यालु भी होते हैं मई में जन्मे जातक, जानिए इनका व्यक्तित्व

l_jealous-1463981228मई महीने में पैदा होने वाले जातकों पर दैत्यगुरु शुक्र और उनकी प्रथम राशि वृषभ का सर्वाधिक असर रहता है। दैत्यगुरु शुक्र समस्त वैभव प्रदाता है। जिन जातकों का सम्बंध इनसे बनता है। 

यदि वे गुरु प्रधान नहीं है तो उन्हें जीवन में किसी भी प्रकार का अभाव यह नहीं रहने देते। मानसिक चिंता या संघर्ष से ये जातक को दूर ही रखते हैं। मई में जन्मे जातक शांतचित्त, कल्पनाशील व अच्छे कलाकार होते हैं। 

लक्ष्य के प्रति सजग-मेहनती

इस माह में महीने जन्मे जातक पुरुषार्थी होते हैं। ऐसे जातक हमेशा किसी ना किसी प्रकार के नवीन शोध कार्य में लगे रहते हैं। जीवन में कभी गलत कार्य नहीं करते, लेकिन संयोगवश कोई गलत काम हो भी जाए तो ताउम्र उन्हें पश्चाताप होता है। 

ऐसे जातक अपने आप में मस्त व अपने लक्ष्य के प्रति हमेशा सजग रहते हैं। सार्थक योजनाओं का निर्माण और उनका क्रियान्वन करने को हमेशा तत्पर रहते हैं। 

संगीत व कलाओं के प्रति समर्पित रहने के अलावा ये शानो-शौकत में जीने में यकीन करते हैं। ऐसे जातक शारीरिक व मानसिक रूप से भी मजबूत होते हैं। इनमें एक खास बात यह होती है कि अल्प शिक्षित होते हुए भी ये वाक्पटु होते हैं। अपनी इसी कला के दम पर वे कोई भी काम करवाने की क्षमता रखते हैं। 

इनका किसी भी कला से जुडऩा तय होता है। पेंटिंग, म्यूजिक आदि में दिलचस्पी इन्हें औरों से अलग बनाती है। थोड़ा जिद्दी होने के कारण हर काम को करके ही दम लेते हैं। यही सनक इन्हें औरों से अलग और सफल बनाती भी है।

व्यवसाय और उपाय 

इनमें स्वयं को बड़ा मानने व असुरक्षा की भावना के साथ-साथ दूसरों से ईर्ष्या करने का भाव भी होता है। धर्मपरायण, भक्तिभाव होने से लोगों में इनकी सात्विक छवि होती है। ऐसे जातक सिनेमा, नाटक, अचल सम्पति व्यवसाय, अभियांत्रिकी सेवा, विमान चालन, बैंकिंग, आकाशवाणी व दूरदर्शन आदि पर कार्य के अलावा मीडिएटर के रूप में सफल होते हैं।

शुक्र ग्रह दैत्यगुरु कहलाते हैं और इनका दूसरा नाम लक्ष्मी प्रदाता भी है। इस जातक की कुंडली में यदि शुक्र दुष्प्रभाव दे रहे हैं तो ये उपाय करें- काली गाय की सेवा करें, मंदिर में गाय के घी का दान करें। सफेद पत्थर पर सफेद चंदन लगाकर पानी में प्रवाहित करें, रूई व दही का दान करें। कबूतरों को सफेद ज्वार डालें व परिंडे लगाएं। ऐसा करने से प्रतिकूल ग्रह भी अनुकूलता लेने लगते हैं।       

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