अन्तर्राष्ट्रीय

ईस्टर बम ब्लास्ट: श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने खुफिया प्रमुख को किया बर्खास्त

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने देश के खुफिया प्रमुख सिसिरा मेंडिस को शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया है। ऐसा तब हुआ जब मेंडिस ने संसदीय चयन समिति में ईस्टर बम धमाकों की जांच में सरकार के खिलाफ अपनी बात कही। घटना की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने इस बात की सूचना दी है। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज श्रीलंका के दौरे पर वहां पहुंचे हैं। ये ईस्टर बम धमाकों के बाद से किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा है। इससे पहले शनिवार को आई रिपोर्ट में कहा गया था कि या तो मेंडिस ने इस्तीफा दे दिया है या फिर उन्हें बर्खास्त किया गया है। वरिष्ठ भारतीय खुफिया अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुई उच्चस्तरीय वार्ता से ऐसा पता चलता है कि मेंडिस को बर्खास्त किया गया है। क्योंकि इनपुट मिलने के बाद भी श्रीलंका की एजेंसियां हमले से पहले कुछ भी कर पाने में असफल हुई थीं।

एक अधिकारी ने बताया कि भारत ने श्रीलंका को हमले को लेकर 4, 10 और 16 (जब साइकिल पर आतंकियों ने विस्फोटक डिवाइस का परीक्षण किया।) अप्रैल को अलर्ट किया था। फिर 20 और 21 तारीख (बम धमाकों से कुछ घंटो पहले) को भी अलर्ट भेजा गया। खुफिया विभाग की ओर से जो इनपुट भेजे गए थे, उनमें दो चर्च पर हमला होने की आशंका की बात भी बताई गई थी। लेकिन श्रीलंका की खुफिया एजेंसियों ने इसपर कोई भी कार्रवाई नहीं की।

बम धमाकों के बाद ही श्रीलंका के अपने समकक्ष को भारतीय एजेंसियों ने इस बात की सूचना दी थी कि शंगरीला होटल में हमले की साजिश रचने वाले को सऊदी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

21 अप्रैल को हुए इन सिलसिलेवार बम धमाकों में 258 लोगों की मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मेंडिस ने कथित तौर पर सरकारी निष्क्रियता पर हमलों को रोकने में विफलता के लिए दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इस्लामी कट्टरपंथियों के खतरे पर बातचीत के लिए भी राष्ट्रपति नियमित तौर पर सुरक्षा मीटिंग नहीं लेते थे।

राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से मेंडिस को बर्खास्त करने की वजह नहीं बताई गई है। कोलंबो में एक अधिकारी का कहना है कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद कार्यवाई का लाइव टेलीकास्ट बीच में ही बंद कर दिया गया था।

एक सूत्र ने एएफपी को बताया कि सिरिसेना ने किसी भी पुलिस, सैन्य या खुफिया कर्मियों को समिति के समक्ष गवाही देने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। सिरिसेना के रक्षा सचिव और पुलिस प्रमुख का कहना है कि उन्होंने बम विस्फोटों के बारे में खुफिया चेतावनियों से निपटने में उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया था। वहीं सिरिसेना ने ऐसे किसी भी खतरे की जानकारी होने से इनकार कर दिया है। एक स्थानीय कट्टरपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात और आतंकी संगठन आईएस ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

Related Articles

Back to top button