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उच्च न्यायालय के आदेश पर पैदल दफ्तर पहुंचे पुलिस अधीक्षक

2015_11image_12_11_251856581police1-llदस्तक टाइम्स/एजेंसी-
शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा बाधित व प्रतिबंधित मार्गों पर वाहनों की आवाजाही पर लगाई रोक का असर सोमवार को दिखाई दिया। सोमवार सुबह से ही जिन प्रतिबंधित मार्गों पर रोक लगाई गई थी, वहां पुलिस पूरी तरह चौकस दिखाई दी तथा जहां आमतौर पर 1-2 पुलिस कर्मी तैनात होते थे वहां आज 4 से 5 पुलिस कर्मी वाहनों की चैकिंग करते देखे गए। प्रशासन के बहुत से अधिकारी भी ए.जी. चौक से सी.टी.ओ. तक पैदल चलते दिखाई दिए। वहीं जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक को भी पैदल दफ्तर पहुंचना पड़ा। इतना ही नहीं मंत्री और विधायकों के वाहन भी बाधित और प्रतिबंधित मार्गों से पूरी तरह नदारद रहे जिससे पैदल चलने वाले लोगों ने काफी राहत महसूस की। खास तौर पर स्कूली छात्र जिन्हें आए दिन इन वाहनों से खतरा बना रहता था। सी.टी.ओ. पार्किंग स्थल तक जहां रोजाना वाहनों का जमावड़ा रहता था आज पुलिस प्रशासन की सख्ती के बाद पूरी तरह खाली रहा। काफी परमिट धारक पुलिस वालों से उलझते भी रहे लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उनकी एक न चली। पुलिस कर्मियों ने हाईकोर्ट के दिए आदेशों का हवाला देकर कार्रवाई अमल में लाई। शहर में समाजसेवी देशबंधु सूद ने कहा कि इस मामले को लेकर शुरू से ही सरकार ने ढुलमुल रवैया अपनाया जो सरकार की नालायकी को दर्शाता है जिस कारण उच्च न्यायालय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। शिमला जिला के जिलाधीश दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि वह तो पैदल चलना ही बेहतर समझते हैं। उन्होंने कहा वह आज से नहीं बल्कि बीते 15 साल से सुबह अपने कार्यालय को पैदल ही जाना पसंद करते हैं लेकिन सोमवार को वह किसी आवश्यक कार्य के चलते वाया विंटर फील्ड होकर वाहन में अपने कार्यालय आए। एस.पी. डी.डब्ल्यू. नेगी ने कहा कि वह कई बार पैदल ही दफ्तर आना जाना पसंद करते हैं।

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