हल्द्वानी स्थित एक कार के शो रूम के गैराज में आग लग गई। इससे लाखों का नुकसान होने की खबर है। आज सुबह करीब चार बजे रामपुर रोड स्थित हुंडई कार के शो रूम के पीछे स्थित खुशी मोटर गैराज में आग लग गई। आग में लाखों का नुकसान होने की खबर है। सूचना पर फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। बिना सुरक्षा आग में कूदने को मजबूर फायरमैन लापरवाह सिस्टम के चलते फायर मैन प्रतिदिन मौत से दो-दो हाथ करने को मजबूर हैं। ये हर रोज लोहा पिघला देने वाली आग में कूदकर लोगों की जान-माल की रक्षा करते हैं, लेकिन इनकी सुरक्षा को लेकर कोई चिंतित नहीं है।
फायर ब्रिगेड के पास जो इनकी सुरक्षा के उपकरण हैं उन्हें सिर्फ किसी रिहर्सल में स्टोर से बाहर निकाला जाता है। अग्निकांड में तो फायरमैन को मुंह पर गीले रुमाल और बदन पर सूती वर्दी से काम चलाना पड़ता है। जो उपकरण हैं भी उनमें से ज्यादातर उपयोग योग्य नहीं बचे हैं।
दरअसल, फायरमैन के लिए जरूरी मानकों का प्रदेश में कहीं भी पालन नहीं होता। कमोबेश देहरादून में भी यही हाल है। बता दें कि मानकों के अनुसार फायरमैन को आग के बीच जाने के लिए प्रोक्सिमिटी सूट की जरूरत होती है। इसमें हेलमेट, दस्ताने, जूते और अग्निरोधक वर्दी होती है। वर्तमान में पूरे जिले में ऐसे कुल चार सूट मौजूद हैं। सूत्रों की मानें तो इन सूट को किसी रिहर्सल पर पहनने की सलाह दी जाती है।
जबकि, जिले में 50 फायरमैन तैनात हैं। इन सभी के लिए ये जरूरी होते हैं। इसके अलावा धुएं में सांस लेने के लिए भी उपकरणों (ब्रिदिंग एपरेटस) की जरूरत होती है। ऐसे 16 उपकरण देहरादून यूनिट के पास हैं। इनमें से 10 उपकरण उपयोग लायक ही नहीं हैं। जबकि वर्तमान में दून यूनिट को 70 उपकरणों की जरूरत है। इन उपकरणों की कमी पूरी करने के लिए फायर ब्रिगेड ने विभिन्न स्तरों पर डिमांड भेजी है। ज्यादातर उपकरणों के लिए वर्ल्ड बैंक के माध्यम से बजट मुहैया कराया जाता है।
नहीं मिलता जोखिम भत्ता
फायर ब्रिगेड के कर्मचारी हर समय जोखिम में रहते हैं, लेकिन उनके वेतन में किसी प्रकार का जोखिम भत्ता शामिल नहीं किया है। जबकि, कुछ साल पहले बनी आपदा राहत फोर्स एसडीआरएफ को तो जोखिम भत्ता देने का प्रावधान किया है।
मानव संसाधन की स्थिति
पद – स्वीकृति – तैनाती – रिक्ती
कांस्टेबल – 56 – 42 – 14
हेड कांस्टेबल – 11 – 07 – 04
सब इंस्पेक्टर – 03 – 01 – 02
(सिटी सेंटर की स्थिति)
इस साल हुए अग्निकांड
एक जनवरी से 30 नवंबर तक
अग्निकांड-392
क्षति-9805000 रुपये
बचाई गई संपति-6.78 करोड़ रुपये
एक व्यक्ति की हुई मौत
इस साल अग्निकांड में एक व्यक्ति की भी मौत हो चुकी है। सिटी क्षेत्र में कुल 19 सूचनाएं फायर ब्रिगेड को प्राप्त हुई थी, जिनमें जीवन संकट में था। इनमें इस साल अब तक 14 मनुष्यों को और 14 ही पशुओं को बचाया जा सका है।