शुक्रवार को जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल में दून निवासी मरीज की मौत हुई। मरीज में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार एनसीडीसी ने मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि की है। रेपिड टेस्ट और सैंपल की जांच में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। हालांकि, अभी तक एलाइजा रिपोर्ट नहीं आई है।
दूसरी ओर, सीएमओ डा. सुशील अग्रवाल ने स्वाइन फ्लू को मौत का कारण मानने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि एलाइजा रिपोर्ट मिलने तक कुछ नहीं कहा जा सकता है। फ्लू के उपचार के लिए टेमीफ्लू समेत अन्य दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी होना, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना. इसके अलावा सांस भी फूलने लगती है। अगर संक्रमण गंभीर है तो बुखार तेज होता जाता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है।
रखें ये सावधानियां
– हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए, खांसते समय और छींकते समय टीशू से कवर रखें, इसके बाद टीशू को नष्ट कर दें
– बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें
– जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हों तो उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए
– स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से क्लोज कॉंटेक्ट से बचें, हाथ मिलाने से बचें, रेग्यूलर ब्रेक पर हाथ धोते रहें
– जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और तीन-चार दिन से हाई फीवर हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
– स्वाइन फ्लू के टेस्ट के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है, ऐसा कोई भी टेस्ट डॉक्टर की सलाह के बाद ही करवाएं