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उत्तराखंडः मंदिर में प्रवेश न मिलने पर दलितों की ‘महा’ हड़ताल

gabela-temple-5615ecfd547a1_exlstउत्तराखंड के गबेला स्थित कुकुर्शी मंदिर में जौनसार बावर परिवर्तन यात्रा में शामिल दलित लोगों तीसरे दिन भी प्रवेश नहीं मिलने से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। यात्रा में शामिल लोगों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

वहीं, यात्रा के संरक्षक मंदिर में प्रवेश नहीं मिलने पर जल्द धर्म परिवर्तन की चेतावनी पर कायम हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया है। जौनसार बावर के प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल कुकर्शी और महासू देवता मंदिर में प्रवेश की मांग को लेकर दौलत कुंवर के नेतृत्व में यात्रा सोमवार को शुरू हुई थी।

तभी से यह गतिरोध बना हुआ है। बुधवार दोपहर 12 बजे एसडीएम अशोक कुमार पांडेय मंदिर परिसर पहुंचे। उन्होंने प्रधान जितेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में ग्रामीणों के साथ बैठक की। दोपहर दो बजे पुलिस बल की मौजूदगी में यात्रा को मंदिर में प्रवेश कराने का निर्णय लिया गया।

इसके विरोध में देव माली जमीन पर लेट गए। इसके बाद यात्रा में शामिल लोग बिना दर्शन किए लौट गए। उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। तहसील एवं जिला प्रशासन पर मामले में उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया। परिवर्तन यात्रा के संरक्षक दौलत कुंवर ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। �

कुकुर्शी मंदिर का इतिहास
गबेला में बना कुकुर्शी मंदिर कितना पुराना है इसका कोई प्रमाण नहीं है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि मंदिर द्वापरयुग का है। तभी से मंदिर में महासू देवता और कुकुर्शी देवता की पूजा होती आ रही है। जौनसार बावर में महज गबेला में ही कुकुर्शी देवता का मंदिर है।

जौनसार परिवर्तन यात्रा का उद्देश्य
आराधना ग्रामीण विकास समिति के नेतृत्व में पांच अक्तूबर से शुरू हुई जौनसार बावर परिवर्तन यात्रा का उद्देश्य लोगों को दलितों के बारे में जागरूक करना है। समिति के संरक्षक दौलत कुंवर का कहना है कि जौनसार बावर में दलितों को हेय दृष्टि से देखा जाता है। यहां दलितों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। बंधुआ मजदूरी कराई जाती है। दलितों के उत्थान के उद्देश्य और भेदभाव को मिटाने के लिए जौनसार बावर यात्रा शुरू की गई है।

विकासनगर स्थित गबेला के कुकुर्शी मंदिर में जौनसार बावर परिवर्तन यात्रा में शामिल दलितों को प्रवेश नहीं मिलने के मामले में विभिन्न संगठन विरोध जताते हुए एक मंच पर आ गए। लोगों का कहना है कि तहसील प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण ही यात्रा अभी तक मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकी है।

बुधवार को विकासनगर स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट और अखिल भारतीय राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय महामंत्री जबर सिंह वर्मा ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। यहां सभी नागरिकों के एक समान अधिकार प्राप्त है। ऐसे में सभी जाति के लोगों को मंदिर में प्रवेश मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले में क्षेत्रीय नेताओं ने भी चुप्पी साधी हुई है।

समाज सेवी और लोक गायक नंदलाल भारती ने कहा कि क्षेत्र के किसी भी देव मंदिर में प्रवेश पर रोक नहीं है। ऐसे में अगर तहसील प्रशासन चाहे तो यात्रा में शामिल लोगों को मंदिर में प्रवेश करा सकता है। मामले में जिस प्रकार से प्रशासन का रवैया ढुलमुल बना हुआ है उससे दलितों में प्रशासन के प्रति रोष बढ़ रहा है। यात्रा के मंदिर में प्रवेश नहीं दिलाने पर लोगों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

इस मौके पर समाजवादी समागम की राष्ट्रीय संयोजक पुतुल, जन हक मंच जौनसार बावर के अध्यक्ष ध्वजवीर सिंह, उत्तराखंड समता सैनिक दल की अध्यक्ष रेखा देवी, युवा बिरादरी की सचिव रोशनी आदि मौजूद रहे।

संगठन निकालेंगे यात्रा
नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट और अखिल भारतीय राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय महामंत्री जबर सिंह वर्मा ने बताया कि विभिन्न संगठनों के लोग जौनसार बावर क्षेत्र में दलितों के भूमि अधिकार, बंधुआ मजदूरी, दलितों, महिलाओं के मंदिर प्रवेश पर रोक, अंधविश्वास समेत पांच मुद्दों को लेकर 9 से13 अक्तूबर के बीच जौनसार बावर के 35 गांवों में यात्रा निकाली जाएगी।

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