गोपेश्वर, चमोली: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र के जंगलों में भड़की आग से वन्य जीवन भी संकट में है। आग के कारण वन्य जीव बस्तियों के आसपास मंडराने लगे हैं। पिछले दिनों चमोली के नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में लगी आग के बाद दुर्लभ प्रजाति के थार (हिमालयी हिरन), घुरड़ (हिमालयी भेड़) और भालू जैसे जीव सड़कों के किनारे विचरण करते देखे जा सकते हैं।
हालांकि अफसरों का दावा है कि आग बुझा ली गई है और वन्य जीव भी जंगलों में वापस जाने लगे हैं। कुमाऊं और गढ़वाल के ऊंचाई वाले क्षेत्र में स्थित जंगलों में इन दिनों कई स्थानों पर आग भड़की हुई है। शीतकाल में आग भड़कने से आम आदमी हैरत में है। हालांकि प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत जांच के आदेश दे चुके हैं और वन विभाग भी जांच में जुट गया है।
दरअसल, आशंका सिर उठा रही है कि कहीं यह करतूत शिकारियों की न हो। वजह यह है कि उच्च हिमालय के गांव के लोग इन दिनों निचले स्थानों की ओर आ जाते हैं। इस कारण आबादी विहीन इलाके में शिकारियों के लिए वन्य जीवों को निशाना बनाना आसान हो जाता है। वन मंत्री हरक सिंह रावत भी स्वीकार करते हैं कि सर्दियों में आग चौंकाने वाली है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की समीक्षा की जाएगी। देखा जाएगा कि आग इरादतन तो नहीं लगाई जा रही है।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी धीरेश चंद्र बिष्ट ने बताया कि कंट्रोल बर्निंग (सूखी पत्तियों और टहनियों को एक स्थान पर एकत्र कर जलाना) के जरिये आग पर काबू पा लिया गया है। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। आग बुझने के बाद वन्य जीव भी जंगल की ओर लौटने लगे हैं। बावजूद इसके सड़कों के आसपास पार्क की टीम गश्त कर रही है।