जमानती वारंट के बाद भी कोर्ट में पेश न होने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनींद्र मोहन पांडेय की अदालत ने शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय समेत छह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। अदालत ने एसएसपी देहरादून को आदेशित किया है कि एनबीडब्ल्यू को चार मई तक तामीला कराएं। अगर वारंट तामील नहीं होता है तो एसएसपी व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होकर वारंट तामीला न होने का कारण बताएं। केस की अगली सुनवाई चार मई को होगी।
सहायक अभियोजन अधिकारी यशदीप श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य व सुबोध उनियाल ने कांग्रेस में रहते हुए बीस दिसंबर 2009 को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा का घेराव किया था। तब राज्य में भाजपा की सरकार थी। सभी को रिस्पना पुल पर रोक लिया।
कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व सुबोध उनियाल, खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, पूर्व मंत्री प्रदीप टम्टा, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट व महेश नंद शर्मा ने बुधवार को ही अदालत में पेश होकर जमानत करा ली थी। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष कांग्रेस ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, पूर्व नपा अध्यक्ष हरिद्वार सतपाल ब्रह्मचारी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष हरिद्वार अशफाक राव, पूर्व महानगर अध्यक्ष कांग्रेस लाल चंद्र शर्मा, विजय सिंह चौहान, विकास चौधरी, ट्विंकल अरोड़ा शुक्रवार को अदालत में पेश हुए, जहां से निजी मुचलके पर जमानत मिल गई।