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उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग में बड़े घोटाले का पर्दाफाश

समाज कल्याण विभाग के आईटी सेल में फर्नीचर घोटाला सामने आया है। नोडल अधिकारी अनुराग शंखधर ने शासन से पूर्व नोडल अधिकारी और वर्तमान में सहायक निदेशक कांतिराम जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है।
उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग में बड़े घोटाले का पर्दाफाश
हालांकि शासन ने पहले जोशी का पक्ष सुनने का निर्देश दिया है। उधर, जोशी ने आरोप को बेबुनियाद बताया है। 

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नोडल अधिकारी रहते हुए कांतिराम जोशी पर 98 हजार 928 रुपये के गबन का आरोप लगा है। जोशी पर आरोप है कि फर्जी तरीके से एक फर्म से ऑफिस चेयर, अलमारी का बिल बनवाया गया।

31 मार्च 2017 को बिना कमेटी की संस्तुति के कोटेशन खोल दिए गए। इसी दिन वित्त अधिकारी के हस्ताक्षर के बिना फर्नीचर खरीदने का आर्डर भी दे दिया गया। यही नहीं बिना स्टॉक रजिस्ट्रर में सामग्री दर्ज कराए उसी दिन समाज कल्याण निदेशालय से भुगतान भी करवा लिया गया। निदेशालय स्तर से भी स्टॉक रजिस्टर चेक नहीं किया गया। 

जानें, क्या कहते हैं अधिकारी वर्ग

समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक कांति राम जोशी ने बताया कि यह एक साजिश है। कुछ अधिकारी छात्रवृत्ति घोटाले की ओर से ध्यान हटाने के लिए बेवजह यह आरोप लगा रहे हैं। निदेशालय स्तर से भुगतान मेरे नहीं बल्कि फर्म के अकाउंट में हुआ था, इसलिए कोई घोटाला नहीं हुआ। इसके बाद 23 अप्रैल को भी सामान आया, लेकिन अनुराग शंखधर ने जगह न होने की बात कहते हुए वापस भिजवा दिया। 
समाज कल्याण विभाग के निदेशक विष्‍णु धनिक ने कहा कि कुर्सियों और अलमारी की खरीद का फर्म से बिल आया था। उसके बाद ही भुगतान किया गया। शासन स्तर से मामले की जांच चल रही है। निदेशालय के लिए जैसे आदेश होंगे, उनका पालन किया जाएगा।

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