देहरादून: अभिनेत्री व संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण संरक्षण की सद्भावना दूत दीया मिर्जा ने कहा कि प्रकृति ने जिस तरह उत्तराखंड को हर नेमत से नवाजा है, उससे यह किसी स्वर्ग से कम नहीं। जरूरत इस बात की है कि बदलते परिवेश में राज्य के पर्यावरण को बचाया जाना बेहद जरूरी है।
देहरादून में आयोजित फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन के उत्तराखंड चैप्टर के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दीया मिर्जा ने कहा कि दो साल पहले उन्हें उत्तराखंड में 35 दिन बिताने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि वह ‘गंगा दि सोल ऑफ इंडिया’ नामक अभियान का हिस्सा बनकर यहां आईं थी और देखा कि प्रकृति की असली पहचान यहीं पर होती है।
हालांकि, उन्होंने राज्य में बढ़ते हर तरह के प्रदूषण पर चिंता भी जाहिर की। कहा कि प्रकृति हमारा हिस्सा है और हम प्रकृति का हिस्सा। जब तक हम उसे अपना अभिन्न अंग नहीं समझेंगे, तब तक पर्यावरण को संरक्षित करने का भाव दिल से जागृत नहीं हो पाएगा। यदि आज सांस के लिए ऑक्सीजन लेने पर टैक्स लगा दिया जाए तो सभी को उसकी महत्ता समझ में आ जाएगी। ऐसी नौबत कभी नहीं आनी चाहिए।
पर्यावरण संरक्षण के सरकारी प्रयास भी तब तक फलीभूत नहीं हो सकते, जब तक हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ लेता। यदि पर्यावरण को हम इसी तरह नुकसान पहुंचाते रहे तो एक दिन हमारा अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। दीया मिर्जा ने बढ़ते प्लास्टिक कचरे पर भी चिंता जाहिर की। साथ ही फ्लो के पदाधिकारियों व सदस्यों से आग्रह किया कि वह उत्तराखंड को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए योगदान करें। प्लास्टिक कचरे के प्रभावी निस्तारण के लिए सरकार को सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि इससे सरकार का काम और आसान हो जाएगा।