विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन को चुनाव प्रचार का ब्रहमास्त्र मानकर चल रही भाजपा को झटका लगा है। पार्टी ने निर्वाचन आयोग से स्टिंग के कुछ हिस्सों को प्रचार के दौरान पब्लिक को दिखाने की अनुमति मांगी थी। आयोग ने यह कहकर इनकार कर दिया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने इस सीडी को परीक्षण के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) को भेजा था।
भाजपा ने चुनाव में विज्ञापन फिल्म दिखाने की अनुमति मांगी है। फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर एमसीएमसी को परीक्षण के लिए कहा गया था। कमेटी ने स्टिंग के दृश्यों को न्यायालय में विचाराधीन मानते हुए हटाने की सलाह दी है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत के पक्ष में चुनावी हवा बनाने के लिए पीके की टीम ने बेरोजगारी भत्ता कार्ड जारी करने की अनुमति मांगी थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने प्रस्ताव को आचार संहिता की कसौटी पर परखने के निर्देश दिए थे।
प्रस्ताव को समीक्षा के लिए एमसीएमसी भेजा गया था। समिति ने बेरोजगारी भत्ता कार्ड को प्रलोभन की श्रेणी में मानते हुए अनुमति देने इनकार कर दिया है।