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उत्तराखंड: नागरिकता कानून का विरोध, देहरादून और हल्द्वानी में हो रहा प्रदर्शन

उत्तराखंड में नागरिकता संशोधन कानून काे लेकर गुरुवार को राजधानी देहरादून और हल्द्वानी में धरना-प्रदर्शन हुआ। आज देहरादून के गांधी पार्क में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), सपा, बसपा व अन्य दलों ने नारेबाजी की और अपना गुस्सा जाहिर किया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। वहीं हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( माले ) द्वारा इस कानून के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें भारत सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी कानून लागू करने को देश बांटने की राजनीति कहा गया। वक्ताओं ने कहा कि इस कानून से देश में हिंदू मुस्लिम समुदाय को बांटने की कोशिश की गई है। यह देश हित में उचित नहीं है।

21 दिसंबर को सभी धर्मगुरुओं के द्वारा विशाल जुलूस निकाला जाएगा
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जामिया में इस बिल का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा क्रूरता के साथ लाठीचार्ज किया गया। जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। क्या भारत सरकार देश में तानाशाही लाना चाहती है? सीएए और एनसीआर कानून लागू करके देश की जनता को जाति और धर्म के नाम पर बांटना चाहती है?

कहा कि देश की जनता इस बिल को कभी भी स्वीकार नहीं करेगी। क्योंकि यह बिल देश की जनता के लिए जनहित नहीं बल्कि जाति धर्म के नाम पर बांटने के लिए बनाया गया है। भारत सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों को नागरिकता दे रही है, लेकिन वहीं दूसरी ओर भारत में रहने वाले करोड़ों लोगों से उनकी नागरिकता के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं।

किसी भी कीमत पर भारत की जनता यह कानून स्वीकार नहीं करेगी। कहा कि 21 दिसंबर को सभी धर्मगुरुओं के द्वारा विशाल जुलूस निकाला जाएगा। जिसमें इस नए कानून का विरोध आम जनता के साथ किया जाएगा।

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