देहरादून: उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान शुरू होने वाला है. अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ उत्तराखंड पंचायत चुनाव के बाद राज्य में कार्रवाई करेगी. पिछले साल भी पुलिस ने दर्जन भर से ज्यादा लोगों को पकड़कर जेल में डाला था. उत्तराखंड में बढ़ते अपराधों को देखते हुए भी इस अभियान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
दरअसल, राज्य में ऐसे कई इलाके हैं, जहां पर अवैध रूप से विदेशी नागरिक रह रहे हैं. राज्य सरकार ने ऐसे नागरिकों की पहचान करनी शुरू कर दी है. इंटेलिजेंस ने ऐसे क्षेत्रों की पहचान भी कर ली है, जहां अवैध रूप से विदेशी नागरिक रह रहे हैं. अब उत्तराखंड पुलिस ऐसे क्षेत्रों में बड़ा अभियान चलाकर विदेशियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है.
अशोक कुमार महानिदेशक, अपराध और कानून व्यवस्था ने बताया कि विदेशी नागरिक एक्ट के तहत समय-समय पर कार्रवाई करते रहते हैं. लेकिन कई बार ऐसी कार्रवाई बड़े अभियान के तहत की जाती है. हम पंचायत चुनाव के बाद बड़ा अभियान चलाएंगे.
उत्तराखंड में बीजेपी सरकार बनने के बाद पहली बार पुलिस ने ऐसी कार्रवाई पिछले साल की थी. उस समय हरिद्वार जिले में ही दर्जन भर से ज्यादा लोगों को पकड़कर जेल में डाला था. इस बार इस अभियान को ज्यादा व्यापक रूप से चलाने की तैयारी है.
आपको बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत खुलकर एनआरसी के पक्ष में बोल चुके हैं. बीजेपी भी एनआरसी लागू करने की बात कह रही है. बीजेपी के नेता प्रकाश सुमन ध्यानी ने कहा कि उत्तराखंड में एनआरसी लागू होना चाहिए. लेकिन इससे पहले प्रभावितों की सूची बनाई जानी जरूरी है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की पहचान नहीं है उनकी वजह से राज्य में अपराध भी लगातार बढ़ रहे हैं.
वहीं, कांग्रेस के नेता किशोर उपाध्याय भी इस मामले में सरकार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के कई हिस्सों की डेमोग्राफी बदलती जा रही है. ऐसा इसलिए है कि यहां पर कई जगहों से आकर लोग बस रहे हैं. ऐसे में अवैध रूप से बसने वालों की भी अच्छी खासी संख्या है.
उत्तराखंड में हरिद्वार, देहरादून, उधमसिंह नगर और नैनीताल में अवैध रूप से बसे विदेशियों की अच्छी खासी संख्या हो सकती है. ऐसे में देखना ये है कि पुलिस का अभियान कब शुरू होता है और कितने विदेशियों की पकड़ा जाता है.