बैंकों के मर्जर सहित कई मुद्दों को लेकर आज बैंकों में हड़ताल है। विभिन्न बैंकों के कर्मचारी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। हड़ताल से अधिकांश बैंकों में काम-काज भी प्रभावित रहा। इससे लोग परेशान दिखे। हड़ताल में 22 बैंकों के 3000 कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। हड़ताल में नैनीताल बैंक, फेडरल बैंक के कर्मचारी भी शामिल हैं। हालांकि इस हड़ताल में एसबीआई के कर्मचारी शामिल नहीं हैं। ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन व बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर उत्तरांचल बैंक इंप्लाइज यूनियन के साथ कर्मचारियों ने सोमवार को केनरा बैंक के सामने प्रदर्शन किया।
राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजा
कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र की नीतियों पर गौर करें तो आने वाले समय में कई और बैंकों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इसमें पीएनबी में ओरिएंटल बैंक, यूनाइटेड बैंक, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक में कारपोरेशन व आंध्रा बैंक और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय शामिल है।
बैंक कर्मचारियों ने कहा कि पहले जो बैंक मर्ज किए गए थे, उनकी कार्यप्रणाली अभी तक सुधर नहीं पाई है। सरकार की इस तरह की नीतियों से एक ओर जहां बैंकिंग प्रभावित हो रही है, वहीं दूसरी ओर बैंक कर्मचारियों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
प्रदर्शन के दौरान जगमोहन मेंदीरत्ता, अनिल जैन, एसएस रजवार, नवीन कुमार, आरके गैरोला, इंदर सिंह, मुरारी लाल, एलएम बडोनी, बीके ओझा आदि मौजूद रहे। उधर, उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति ने सोमवार को जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।