एजेंसी/ रुड़की। उत्तराखंड में सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब गर्मियों की छुट्टियों में भी दोपहर का भोजन मिलेगा। पर, यह भोजन स्कूल के बजाय उनके घर पर ही तैयार होगा।
इसके लिए शिक्षा विभाग चावल के साथ ही नमक, तेल, हल्दी आदि के लिए पैसा (कुकिंग कॉस्ट) उनके घर पर भेजेगा। यह जिम्मेदारी सौंपी गई है स्कूल के हेडमास्टर को जो गांव-गांव में इसकी जानकारी देंगे।
भारत सरकार की ओर से पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का भोजन (मिड डे मील) दिया जाता है। इस बार उत्तराखंड में सूखे के हालात हैं, जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने गर्मियों की छुट्टियों के दौरान भी बच्चों को दोपहर का भोजन देने का ऐलान किया है। उप शिक्षा अधिकारी रुड़की बृजपाल सिह राठौर बताते हैं कि इस संबंध में निदेशालय से निर्देश प्राप्त हो गए हैं।
प्राइमरी स्कूल में एक बच्चे की खुराक के हिसाब से तीन किलो चावल दिया जाएगा। साथ ही एक बच्चे पर मिलने वाली कुकिग कॉस्ट के रूप में 115.40 रुपये का भुगतान भी किया जाएगा। जबकि जूनियर हाईस्कूल में साढ़े चार किलो चावल और 173.40 रुपये कुकिग कॉस्ट के रूप में दिए जाएंगे।
राठौर ने बताया कि इस बाबत सभी हेड मास्टरों को अवगत करा दिया गया है क्योंकि उन्हें ही गांव में इसका वितरण करना है। साथ ही अभिभावकों से प्राप्ति की रसीद भी लेनी है।