उत्तराखंडराज्य

उत्तराखंड में जारी है बारिश का कहर, पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा ना करने की सलाह

देहरादून: पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से जन जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है. ऐसे में मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखें तो अभी मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. मौसम विभाग ने 30 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. वहीं, 25 और 26 जुलाई को अनेक जगहों पर अत्यंत भारी वर्षा की भी संभावना जताई है.

मौसम विभाग की मानें तो 23 और 24 जुलाई को उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल और देहरादून में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है. 25 जुलाई से उत्तराखंड में बारिश की और ज्यादा वृद्दि होगी और पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश होगी. 25 और 26 जुलाई को देहरादून, टिहरी, पौड़ी और कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल, पिथौरागढ़. चम्पावत और उधम सिंह नगर में भारी बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है.

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अभी उत्तराखंड में बारिश से निजात मिलती नहीं दिखाई दे रही है. मौसम विभाग का कहना है कि 30 जुलाई तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला बना रहेगा. जिसको देखते हुए भू स्खलन, नदियों का जल स्तर और सड़क मार्गों के अवरुद्ध होनें की ज्यादा संभावनाएं हैं. मौसम विभाग ने इस दौरान लोगों से सतर्क रहने के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा ना करने की सलाह दी है.

उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश से कई सड़कें बंद पड़ी हैं. जोशीमठ में चार दिनों से हो रही बारिश से कई सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं. टिहरी जिले में 15 गांव में सड़क मार्ग बाधित होने से यातायात प्रभावित है. चमोली जिले में 40 से अधिक संपर्क मार्ग बाधित हैं. कुमाऊं में हो रही बारिश से बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत, डीडीहाट सहित कई इलाकों में बारिश होने से जीवन अस्त व्यस्त है. कई जगहों पर मलबा आने से मार्ग बाधित हैं.

उधर, उत्तरकाशी में भी लगातार बारिश ने अपना कहर बरपा रखा है. पिछले पांच दिनों से यहां बारिश हो रही है. अब नदियां भी अपने रौद्र रूप में बह रही हैं. लगातार हो रही बारिश अब राहगीरों के लिए भी परेशानी पैदा कर रही है. यमुनोत्री नेशनल हाइवे NH94 स्लिप जोन खनेडा, खरादी, कुथनौर और डबरकोट में चट्टानी मलबे के साथ दलदली मलबा गिरने से लगातार यातायात प्रभावित हो रहा है. लगातार बारिश से गाद गदेरे भी उफान पर हैं. यमुना और टौंस नदी भी खतरे के निशान से महज एक मीटर नीचे बह रही है.

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