उत्तराखंड

उत्तराखंड में तीन कैबिनेट मंत्रियों समेत 25 के खिलाफ वारंट

विधानसभा के बाहर हंगामा करने के नौ साल पुराने मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनींद्र मोहन पांडेय की अदालत ने उत्तराखंड सरकार के तीन कैबिनेट मंत्रियों समेत 25 लोगों के खिलाफ जमानती वारंट किया है। अदालत ने एसएसपी को वारंट तामील कराने का निर्देश देते हुए कहा है कि आरोपित सुनवाई की तिथियों पर लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं। लिहाजा, विशेष वाहक के जरिये सभी को वारंट प्राप्त कराया जाए। मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।तीन कैबिनेट मंत्रियों समेत 25 के खिलाफ वारंट

सहायक अभियोजन अधिकारी यशदीप श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य व सुबोध उनियाल ने कांग्रेस में रहते हुए बीस दिसंबर 2009 को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा कूच कर रहे थे। तब राज्य में भाजपा की सरकार थी, पुलिस ने इन सभी को रिस्पना पुल पर रोक लिया। इससे आक्रोशित होकर इन लोगों पुलिस बल के साथ धक्का-मुक्की की और उत्तेजक नारे लगाए, इससे शांति एवं कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई थी। मामले में सभी के खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाने में अभियोग पंजीकृत किया गया था। 2013 से इस मामले में सुनवाई चल रही है, लेकिन कोई भी आरोपित निर्धारित तिथियों पर अदालत में पेश नहीं हो रहा है। अदालत ने कहा कि आरोपितों के लगातार अनुपस्थित होने के कारण न्यायालय में वाद लंबित चल रहा है। 

यह भी हैं आरोपित

खानपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक प्रणव चैंपियन, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल व हीरा सिंह बिष्ट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, सूर्य कांत धस्माना, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, सतपाल ब्रह्मचारी, लाल चंद शर्मा, संग्राम सिंह पुंडीर, विकास चौधरी। 

केस वापसी की अपील हो चुकी है खारिज

नेताओं से जुड़े इस मामले को सरकार ने वापस लेने की कोशिश भी थी, लेकिन अदालत ने सरकार की अपील को खारिज कर दिया। सरकारी अधिवक्ता के मुताबिक केस वापसी के लिए सरकार की ओर से 31 अक्टूबर 2013 को सीजेएम कोर्ट में अपील की गई, जो 28 नवंबर 2014 को खारिज कर दी गई। बाद में सरकार ने सेशन कोर्ट में अपील की, इसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया।

 

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