नैनीताल: बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के निदेशक असद रहमानी का कहना है कि भारत में ऐतिहासिक धरोहरों के बाद वन्यजीव के दीदार को विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। उन्होंने उत्तराखंड में बर्ड टूरिज्म की अपार संभावना बताया। कहा कि इस दिशा में गंभीर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बर्ड टूरिज्म के माध्यम से देश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दिया जा सकता है।
रहमानी रविवार को चिड़ियाघर में वनाधिकारी-कर्मचारियों, ग्रामीणों के तीन दिनी बर्ड वॉचिंग, बाघ गणना, कार्यालय प्रबंधन, मानव वन्य जीव संघर्ष प्रबंधन, कार्मिक प्रेरणा एवं क्षमता विकास प्रशिक्षण में बोल रहे थे। कहा कि दुनिया में भारत बर्ड टूरिज्म के क्षेत्र में टॉप टेन में भी नहीं है, जबकि यहां जैव विविधता अपार है।
प्रभागीय वनाधिकारी डॉ धर्म सिंह मीणा ने कहा कि बर्ड टूरिज्म के लिए भोजन, पानी, सेल्टर व सुरक्षा सबसे अहम कारक है। बताया कि प्रभाग स्तर पर बाघों की गणना 20 जनवरी के बाद होने की संभावना है। रेंज स्तर पर कार्यशाला के साथ ही गणना होगा। इस मौके पर चीफ कुमाऊं कपिल जोशी, वन संरक्षक तेजस्विनी पाटिल, एसडीएम दिनकर तिवारी, रेंजर प्रकाश जोशी, ममता चंद, तनुजा परिहार, विमला, तनुजा साह, सोनू बिष्ट समेत अन्य 50 से अधिक प्रतिभागी मौजूद थे।