देहरादून। उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। यहां कई ऐसे मंदिर हैं। जहां तक अभी भी कोई नहीं पहुंच पाया है। वहीं प्रदेश में एक जमीन में दबा मंदिर मिला है। जिसे कुसगांव में स्थित बक्रमुंडेश्वर महादेव मंदिर के समीप खोदाई के दौरान जमीन के नीचे छोटे-छोटे पौराणिक मंदिर समूह के अवशेष मिले हैं।
महादेव मंदिर के नीचे था ये मंदिर
महादेव मंदिर के समीप जिनकी बनावट बेजोड़ है व उनमें अद्भुत शिवलिंग भी विराजमान हैं। जानकार लोगों का मानना है कि ये पांडवकाल के अवशेष हैं। हालांकि अभी इसकी पुरातत्व विभाग ने पुष्टि नहीं की है।
कुसगांव की तलहटी पर एक पुराना महादेव मंदिर है। मंदिर परिसर में शिवशक्ति, बाबा कालनाथ, भैरबनाथ, पवन पुत्र हनुमान, मां आदिशक्ति मंदिरों के साथ-साथ ही शिव गोरक्ष धूना भी है। महंत गोवर्धन नाथ ने मंदिर के पास स्थित खेत में सत्संग भवन बनाने के लिए ग्रामीणों के सहयोग से 14 नवंबर से खोदाई कार्य शुरू करवाया तो कई तरह के कलाकृति वाले पुराने पत्थर मिलने लगे।
खोदाई जब करीब चार फुट नीचे पहुंची तो जमीन के अंदर बेजोड़ पत्थरों से बने कई छोटे-छोटे मंदिर प्रकट हुए। इनमें एक पांच फुट का छोटा मंदिर है, जिसमें शिवलिंग भी मिला। इस शिवलिंग की बनावट अद्भुत है तथा उनमें विराजमान शक्तिलिंग अनमोल चमकदार पत्थरों के हैं।
साथ में इस स्थल पर हवन कुंड व गोरक्ष धूना भी स्थित है। माना जा रहा है कि प्राचीन समय में यहां पर एक काफी भव्य शिवालय रहा होगा। जो पांडव काल के अवशेष हो सकते हैं। पुरातत्व टीम ने स्थल का निरीक्षण कर अवशेषों का जायजा ले लिया है।
जब से खोदाई के दौरान मंदिरों के अवशेष मिलने शुरू हुए तो ग्रामीण प्रतिदिन उन्हें देखने पहुंच रहे हैं। धीरे-धीरे स्थल के प्रति आस्था भी बढ़ती जा रही है। लोग फूल चढ़ाकर मंदिर व शिवलिंगों की पूजा कर रहे हैं। वहीं इस मदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।