उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि उत्तराखंड में रावत सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों की हत्या की।
नई दिल्ली। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि उत्तराखंड में रावत सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों की हत्या की। उनके मुताबिक, उत्तराखंड में संवैधानिक व्यवस्था चरमरा गई थी, इसलिए राष्ट्रपति शासन लगाना जरूरी हो गया था।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पिछले नौ दिनों से वहां की सरकार संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही थी| इस बीच, विजय बहुगुणा ने कहा है कि मैं प्रेजिडेंट रूल का समर्थन करता हूं, ताजा चुनाव जल्द होंगे। भाजपा नेता श्याम जाजू ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की, हमने राज्य को चुनाव के संकट से बचाने के लिए अपील की थी, हमें राष्ट्रपति शासन लगने की उम्मीद थी।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को हरीश रावत ने लोकतंत्र और संविधान की हत्या बताया
वहीं, उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को हरीश रावत ने लोकतंत्र और संविधान की हत्या बताया। केंद्र ने प्रदेश को दिए जाने वाले फंड में कटौती की, यहां तक कि तीर्थयात्रा के फंड को भी काटा गया। उनके मुताबिक, दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्यपाल को डराया गया।
उन्होंने कहा कि मुझे बहुमत साबित करने के लिए 24 घंटे का समय भी नहीं दिया गया, भारी पैसा देकर षड्यंत्र के तहत उत्तराखंड सरकार गिराई गई है। अगर कांग्रेस दोबारा सत्ता में आई तो हम राज्य में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाकर 90 करेंगे। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने मीडिया को अपने घर की तलाशी का न्यौता दिया है। मुझे एक ऐसे व्यक्ति (हरक सिंह रावत) के साथ समझौता करना पड़ रहा था जो हर चीज में धन देखता था।
वहीं, शकील अहमद ने कहा है कि केंद्र सरकार के असंवैधानिक कदम को कांग्रेस हर तरह के फोरम पर उठाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने पर भाजपा को लोकतंत्र विरोधी बताया है। कपिल सिब्बल ने कहा कि जो लोग संविधान की शपथ लेकर देश को चलाना चाहते हैं, वह लोग मंत्रिमंडल में बैठकर संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। ये लोग भारत माता की जय नहीं भारत माता की भय से देश चलाना चाहते हैं।