देहरादून: लंबित वेतन एवं अन्य मांगों पर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 17 मार्च की मध्य रात्रि से बेमियादी हड़ताल करने की चेतावनी दी है। परिषद ने इससे पहले 19 दिसंबर को प्रदेश भर के रोडवेज कर्मियों की महारैली निकाल सचिवालय कूच का एलान किया था, जिसे प्रशासन के आग्रह पर टाल दिया गया था। इसके बाद 22 दिसंबर का सचिवालय कूच मुख्यमंत्री के कहने पर स्थगित करना पड़ा। अब परिषद नेताओं द्वारा चेतावनी दी गई है कि इस बार वे पीछे नहीं हटेंगे।
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से उत्तराखंड परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को दिए गए नोटिस में हर माह की सात तारीख में वेतन जारी करने की मांग की। इसके साथ पिछले तीन माह का लंबित वेतन तत्काल देने की मांग की गई। परिषद ने सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारीयोजनाओं का कोर्ट के आदेश के अनुसार भुगतान करने की भी मांग की। वर्तमान में यह राशि 100 करोड़ रुपये बताई जा रही।
साथ ही टाटा की नई बसों की वजह से रोडवेज के नुकसान की भरपाई के लिए टाटा कंपनी की जवाबदेही तय करने की मांग की गई। जनकल्याणकारी योजनाओं की एवज में इस साल के बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की मांग समेत कर्मचारियों के रिक्त पदों पर भी नियुक्ति की मांग की गई।
निगम बोर्ड बैठक न कराने पर भी नाराजगी जताते हुए परिषद ने जल्द बैठक बुलाने और उसमें हर महीने 20 साधारण तथा पांच हाईटेक बसें खरीद की मंजूरी दिलाने की मांग की। प्रदेशभर में विभिन्न डिपो के बाहर से संचालित हो रही डग्गामार बसों पर तत्काल अंकुश लगाने, चालक और परिचालक का रात्रि भत्ता पांच सौ रुपये करने की मांग की। ईपीएफ का तुरंत भुगतान करने और मृतक आश्रितों के लिए तत्काल नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की गई। परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने चेतावनी दी कि अगर 17 मार्च तक उनकी मांगें न मानी गई तो रात 12 बजे से समस्त कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।
सभी टिकट मशीनें हुईं अपडेट
किराया बढ़ाने के बाद रोडवेज प्रबंधन ने सोमवार शाम तक सभी टिकट मशीनों को अपडेट कर दिया है। महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने बताया कि सिर्फ चार या पांच बसें ही ऐसी हैं, जिनकी मशीनें अपडेट नहीं हो पाई हैं। ये बसें लंबी दूरी की हैं व तीन से चार दिन में डिपो में लौटती हैं। जब यह बसें लौटेंगी, इनकी मशीनें भी अपडेट कर दी जाएंगी।