देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर माधो सिंह भण्डारी किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में घोषणा की कि राज्य में एक शहद क्वालिटी कन्ट्रोल लैब स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने मौनपालकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को बढ़ा कर 50 लाख से 1 करोड़ रूपये करने की भी घोषणा की। इस अवसर पर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा आयोजित उत्तराखण्ड में मौनपालन के वर्तमान परिदृश्य एवं सभावनाएं विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राज्यभर के दूरदराज क्षेत्रों से आये मौनपालकों द्वारा प्रदर्शित शहद उत्पादों का अवलोकन किया तथा शहद उत्पादन की बारीकियों की जानकारी ली।
उन्होंने प्रदर्शनी में भाग लेने वाले लगभग हर मौनपालक से उसकी मौनपालन की तकनीक, बारीकियां, समस्याएं, चुनौतियों तथा सरकार से अपेक्षाओं के विषय में विस्तृत चर्चा की। मधु उत्पादों के अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री ने अच्छा उत्पादन व व्यवसाय करने वाले मौनपालकों को अपनी बेस्ट प्रैक्टिसिज का एक प्रस्ताव बनाकर सरकार को देने का अनुरोध किया। मौनपालको को विश्व मधुमक्खी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदर्शित ऑर्गेनिक तथा सर्टिफाइड शहद उत्पादों की अच्छी गुणवता पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही मौनपालको का एक और सम्मेलन बुलाया जाएगा, जिसमें वैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों के सहयोग से राज्य में शहद उत्पादन को बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 25 सितम्बर को पं दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशताब्दी दिवस के अवसर राज्य में किसानों को कृषि सम्बधित बहुउद्येशीय कार्यो के लिए मात्र 2 प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध करवाने की योजना का शुभारम्भ किया जाएगा। हमें आत्मविश्वास रखना होगा कि हम किसी भी कार्य को कर सकते है।उद्यान मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में 2083 मीट्रिक टन शहद प्रतिवर्ष उत्पादित किया जा रहा है। इस अवसर पर सचिव उद्यान डी सैंथिल पांडियन ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार राज्य में पहली बार विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक उमेश शर्मा काऊ उपस्थित थे।