उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने साल 2018-19 का बजट गुरूवार को सदन में पेश किया। वित्त मंत्री प्रकाश पंत द्वारा पेश किए गए इस बजट में 45585 करोड़ रुपये के व्यय का आकलन किया गया है। राज्य सरकार को विभिन्न स्रोतों से 45202 करोड़ की प्राप्तियों और 382 करोड़ के घाटे का अनुमान है। बजट में 32 करोड़ 69 लाख रुपये के सरप्लस राजस्व का अनुमान जताया गया है। राज्य सरकार को विभिन्न स्रोतों से 45202 करोड़ की प्राप्तियों का अनुमान है।
राज्य की कुल प्राप्तियों में से कर्जों और ब्याज की अदायगी के लिए 8088 करोड़ से ज्यादा का प्रावधान किया गया है। कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर राज्य की कुल प्राप्तियों में से 12602 करोड़ खर्च होने का अनुमान किया गया है।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरूआत संस्कृत के एक श्लोक से करते हुए इस बजट को पर्यावरण मित्र और पेपर लेस बजट बताया। उन्होंने कहा कि 2018-19 के इस बजट का मूल रोटी, कपड़ा, किसान से मिली प्रेरणा, ईज ऑफ डुईंग बिजनस और ईज आफ लिविंग की दिशा में है। उन्होंने कहा कि बजट दीन दयाल उपाध्याय की एकात्म अर्थनीति पर आधारित है जिसमें कमाने वाला खाएगा के स्थान पर कमाने वाला खिलाएगा और जो जन्मा है वह खायगा पर आधारित है। इसमें सबका कल्याण और सबकी चिंता वाली अर्थ रचना की कल्पना की गई है जो सम्पूर्ण आजीविका के लक्ष्य पर आधारित है। इस बजट में मुख्यमंत्री की आपका बजट आपकी राय पर आधारित अवधारणा को भी समाहित किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट पिछले बजट की तुलना में 14. 08 प्रतिशत ज्यादा है।
उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि विधानसभा सचिवालय में ई-विधानसभा की स्थापना के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। गैरसैंण में अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शेष एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए भी धन की व्यवस्था की गई है। इबीएम और वीवीपीएटी के लिए गोदाम निर्माण हेतु 10 करोड़ की व्यवस्था की गई है। मध्याहन भोजन के तहत कार्य कर रही भोजन माताओं को वर्दी उपलब्ध देने के लिए तीन करोड़ की धनराशि की व्यवस्था की गई है। साथ ही संस्कृत के मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृति योजना और संस्कृत शिक्षा हेतु आवासीय विधालय की स्थपना के लिए धनराशि का प्राविधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने आय और व्यय के अनुमानों का उल्लेख करते हुए बताया कि 2018-19 में 45202.94 करोड़ रुपये विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होने का अनुमान किया गया है। जिसमें 35660 करोड़ राजस्व प्राप्तियां है तथा 9542.94 करोड़ रुपये पूंजीगत प्राप्तियों के रूप में मिलने का अनुमान है। राजस्व प्राप्तियों में 23254.85 करोड़ कर राजस्व है जिसमें 8291.23 करोड़ केन्द्रीय करों में राज्य का अंश भी शामिल है। राज्य के स्वयं के स्रोतों से कुल अनुमानित राजस्व प्राप्ति 18434.13 करोड़ में कर राजस्व 14963.62 करोड़ तथा करोत्तर राजस्व 3470. 51 करोड़ अनुमानित है।