दस्तक टाइम्स एजेंसी/ पांच दिन पहले राष्ट्रीय अभियान के तहत उत्तराखंड के एक स्कूल में पेट के कीड़े की दवा खाने वाली छात्रा की सोमवार सुबह मौत हो गई, जबकि किच्छा क्षेत्र के करीब 14 छात्र-छात्राओं का अभी इलाज चल रहा है। अस्पताल के डॉक्टरों ने छात्रा की मौत का तात्कालिक कारण दिमागी बुखार बताया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय अभियान के तहत 10 फरवरी को कृमि निवारक दिवस मनाया था। उस दिन प्रदेशभर के सभी स्कूलों में बच्चों को कृमिनाशक (पेट के कीड़े मारने की) दवा एलबेन्डाजॉल खिलाई गई थी।
दवा खाने के बाद ऊधमसिंह नगर के खटीमा और किच्छा क्षेत्र के 50 से अधिक बच्चे बीमार हो गए। इन बच्चों को ऊधमसिंह नगर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इनमें सले 15 बच्चों की हालत बिगड़ने पर उन्हें हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) रेफर कर दिया गया था।
बीमार बच्चों में शामिल किच्छा क्षेत्र ऊधमसिंह नगर के ग्राम लालपुर निवासी सलोनी (उम्र 08 वर्ष) पुत्री रामपाल ने एसटीएच में दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि उसे पेट के कीड़े मारने की पांच गोलियां खिलाई गई थी। हालांकि डॉक्टरों ने तेज बुखार को मौत का कारण बताया है। पुलिस ने उसका शव पोस्टमार्टम को भेज दिया है जबकि अन्य बच्चों की हालत स्थिर बताई गई है।