उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता के रद्द किए जाने के मामले पर सुनवाई होनी है। राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि बागी विधायकों ने संवैधानिक पाप किया है, जिसकी सजा इन्हें मिलनी चाहिए।
हाईकोर्ट के फैसले पर होगी सबकी नजर
हाईकोर्ट के तल्ख तेवर के बीच आज सबकी नजर हाईकोर्ट के फैसले पर होगी। अगर इन विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो हरीश रावत के लिए राहत भरी ख़बर होगी, लेकिन अगर सदस्यता बहाल हो जाती है तो बीजेपी के लिए सरकार बनाने का दावा पेश करना आसान होगा।
बागी विधायकों की दलील
बाग़ी विधायकों की दलील है कि जब राष्ट्रपति शासन का आदेश आ गया था तब स्पीकर के पास सदस्यता रद्द करने का अधिकार नहीं बच जाता। इस बीच विजय बहुगुणा को छोड़कर बाकी सभी विधायकों ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफ़र करने की याचिका दी है।
कांग्रेस के 9 बाग़ी विधायक
\\\ अमृता रावत
\\\ हरक सिंह रावत
\\\ प्रदीप बतरा
\\\ प्रणव सिंह
\\\ शैला रानी रावत
\\\ शैलेंद्र मोहन सिंघल
\\\ सुबोध उनियाल
\\\ उमेश शर्मा
\\\ विजय बहुगुणा