उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक कांप रहा है। पाले और कोहरे ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। ठंड के कारण लोग घर में दुबकने को मजबूर हो गए हैं। वहीं मौसम विभाग की मानें तो अगले दो से तीन दिन तक राहत के आसार नहीं है। सुबह से ही मैदान के कई इलाकों में घने कोहने ने परेशानी बढ़ा दी है। पहाड़ में पाला पड़ने से भी ठंड में इजाफा हुआ है। वहीं, इस साल के आखिरी दिन प्रदेश का मौसम मेहरबानी कर सकता है। मौसम विभाग मान रहा है कि 31 दिसंबर और एक जनवरी को प्रदेशभर में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रह सकता है। इसके चलते हल्की बारिश और उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है।
18 सालों में 28 दिसंबर रहा सबसे सर्द दिन
बता दें कि तराई-भाबर में 28 दिसंबर 18 सालों में दिसंबर का सबसे सर्द दिन रहा। शनिवार को हल्द्वानी-रुद्रपुर का अधिकतम तापमान 12.1 और न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस रहा है। वहीं, नैनीताल का तापमान 13 और न्यूनतम पारा चार डिग्री सेल्सियस रहा।
वहीं, खटीमा में शुक्रवार की रात न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। ठंड से क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं, गदरपुर, किच्छा और काशीपुर में शनिवार को कोहरा छाया रहा। सरोवर नगरी में रात में जमकर पाला गिरने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है, हालांकि दिन में धूप खिली होने से लोगों को ठंड से राहत मिल रही है।
शीत लहर का प्रकोप
अल्मोड़ा में सुबह-शाम शीत लहर और हाड़कंपाती ठंड से लोग बेहाल हैं। शनिवार को यहां न्यूनतम तापमान दो और अधिकतम 14 डिग्री रिकार्ड किया गया। उधर, गाजियाबाद में कोहरा होने से हिंडन एयरपोर्ट से विमान नैनीसैनी नहीं आ सका। हेरिटेज एविएशन के हेलीकॉप्टर ने भी पिथौरागढ़ और देहरादून के केवल दो चक्कर लगाए, जिनमें कुल 13 यात्रियों ने सफर किया।
पंतनगर विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया 30 दिसंबर तक कड़ाके की सर्दी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। 31 दिसंबर से तापमान में सुधार होने की संभावना है। वहीं, देहरादून के मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर पाला पड़ने संभावना है।