रविवार शाम देहरादून के सहस्त्रधारा हेलिपैड पर प्राइवेट एविएशन कंपनी के हेलिकॉप्टर ने एक घंटे के अंदर चार बाद उड़ान भरी. बताया गया हेलिकॉप्टर में कुछ विधायक थे जिन्हें भ्रमण के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया.
माना जा रहा है कि सरकार पर आए संकट के बीच विधायकों को हेलिकॉप्टर की सैर कराने के पीछे असल मकसद कुछ और ही है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस गुट के इन विधायकों को विपक्षी दल की नजर न लग जाए, इसलिए उन्हें गुप्त स्थान पर रखा गया है.
प्रदेश में व्याप्त जबर्दस्त राजनीतिक आपाधापी के बीच कौन किसका साथी ले उड़े इस शंका ने दोनों दलों की नींद उड़ा रखी है. यही वजह है कि राज्य के दोनों प्रमुख दल एक दूसरे के संभावित टूटने वाले विधायकों पर काग दृष्टि लगाए बैठे हैं. मौका मिला नहीं कि बाजी दूसरे के हाथ जा सकती है. इसलिए अपने विधायकों को खास लाड-प्यार भी दिया जा रहा है ताकि उनका मन किसी भी हालत में न बदले.
एक तरफ भाजपा कह रही है कि वह तोड़फोड़ की राजनीति में विश्वास नहीं करती है, लेकिन ये भी सच है कि पार्टी के तमाम बड़े नेता उत्तराखण्ड में रहने की बजाय दिल्ली के बाद इंदौर में देखे जा रहे हैं. उनके साथ बागी विधायक भी मौजूद हैं. उधर, कांग्रेस ने भी अपने और पीडीएफ विधायकों की मजबूत घेराबंदी कर रखी है, ताकि सेंधमारी की संभावना न बने. 28 मार्च को सरकार सदन में अपना बहुमत सिद्ध करेगी.