उत्तर कोरिया ने दागीं 4 बैलिस्टिक मिसाइलें, ट्रंप पर साधा निशाना
सोल: परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया ने प्रायद्वीप के पूर्व में आज 4 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं और जापान का कहना है कि इनमें से तीन मिसाइलें उसके जलक्षेत्र में गिरीं। प्योंगयांग ने पिछले महीने एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी जो अक्टूबर के बाद दागी गई पहली मिसाइल थी। सोल ने इसके बारे में कहा था कि यह मिसाइल दागने का मकसद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए प्रशासन की प्रतिक्रिया को परखना था। सोल ने कहा कि पूर्वी सागर में कई मिसाइलें दागी गईं। पूर्वी सागर को जापान सागर के नाम से भी जाना जाता है। दक्षिण कोरिया एवं अमेरिका और जानकारी के लिए डेटा पर नजर रखने की खातिर गहनता से विश्लेषण कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इसकी मारक क्षमता करीब 1000 किलोमीटर है। सोल ने कहा कि उसके सशस्त्र बल उत्तर कोरिया की ओर से किसी अन्य भड़काऊ कार्रवाइयों को लेकर उसकी सेना पर नजर रख रहे हैं और सैन्य तत्परता बनाए हुए हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने कहा कि उत्तर कोरिया ने लगभग एक साथ चार मिसाइलें दागीं जिनमें से तीन जापान के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गिरीं।
दक्षिण कोरिया ने बुलाई आपात बैठक
दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इस प्रक्षेपण के जवाब में दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति ह्वान क्यो ऑन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक आपातकालीन बैठक बुलाई। सोल एवं वाशिंगटन ने पिछले सप्ताह वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किए थे जिनसे नाराज प्योंगयांग ने इन्हें आक्रमण के लिए भड़काऊ अभ्यास बताकर इनकी निंदा की थी। फोल ईगल अभ्यास शुरू होने के एक दिन बाद उत्तर कोरिया की सेना ने शत्रु बलों के खिलाफ बेरहमी से परमाणु जवाबी कार्रवाई करने को कहा था।
अमेरिका, द. कोरिया के खिलाफ उत्तर कोरिया करेगा कार्रवाई
केसीएनए संवाद समिति ने एक प्रवक्ता के हवाले से कहा, अमेरिकी साम्राज्यवादियों और दक्षिण कोरियाई कठपुतली बलों ने उत्तर कोरिया के दरवाजे पर खतरनाक परमाणु युद्ध अभ्यास फिर से शुरू किया है। हमारी सेना कड़ी से कड़ी जवाबी कार्रवाई करेगी। उत्तर कोरिया ने इन अभ्यासों के विरोध में नियमित रूप से कार्रवाई की है। उसने इनके दौरान पिछले साल सात बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। उत्तर कोरिया अपने परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों के कारण कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। उत्तर कोरिया के अहम सहयोगी और राजनयिक संरक्षक चीन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह वर्ष के अंत तक उत्तर कोरिया से सभी कोयला आयातों को निलंबित करेगा जो कि प्योंगयांग के लिए विदेशी मुद्रा का एक अहम स्रोत है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग और प्योंगयांग अब भी पड़ोसी मित्र हैं लेकिन वह उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं का विरोधी है।
उत्तर कोरिया ने वर्ष 2006 में किया था पहला परमाणु परीक्षण
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों में उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक के हर प्रकार के इस्तेमाल को लेकर रोक लगाई गई है। प्योंगयांग ने वर्ष 2006 में पहला परमाणु परीक्षण किया था जिसके बाद से उस पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के छह सेट लगाए गए हैं जो उसे रोकने में असफल रहे हैं। उत्तर कोरिया इन हथियारों को रक्षात्मक हथियार बताता रहा है। उसने पिछले साल दो परमाणु परीक्षण और कई मिसाइलें प्रक्षेपित की थी ताकि वह ऐसी परमाणु हथियार प्रणाली विकसित कर सके जिसकी मारक क्षमता अमेरिकी महाद्वीप तक हो। सोल ने प्योंगयांग पर उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के सौतेले भाई किम जोंग नाम की हत्या का आरोप लगाया है।