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उत्तर प्रदेश में अब मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे निजी स्कूल, योगी सरकार ने विधेयक को दी मंजूरी

यूपी में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए योगी कैबिनेट ने मंगलवार को शुल्क निर्धारण अध्यादेश के प्रारूप को मंजूरी दे दी। इसके मुताबिक निजी स्कूल न तो मनमानी फीस वसूल सकेंगे और न ही पांच साल से पहले यूनिफॉर्म बदल सकेंगे। यूपी स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का निर्धारण) अध्यादेश-2018 के दायरे में 20 हजार रुपये से अधिक सालाना फीस लेने वाले सभी स्कूल आएंगे।उत्तर प्रदेश में अब मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे निजी स्कूल, योगी सरकार ने विधेयक को दी मंजूरी

सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश शैक्षिक सत्र 2018-19 से लागू होगा। सीबीएसई, आईसीएसई और यूपी बोर्ड समेत सभी शिक्षा बोर्डों पर ये नियम लागू होंगे। स्कूल किसी खास दुकान से किताबें व यूनिफॉर्म खरीदने को बाध्य भी नहीं कर सकेंगे। अल्पसंख्यक संस्थान भी इसके दायरे में आएंगे।

शुल्क संरचना दो भागों में
संभावित शुल्क : इसमें पंजीकरण, प्रवेश, परीक्षा और संयुक्त वार्षिक शुल्क शामिल होगा।
वैकल्पिक शुल्क : बस का किराया, बोर्डिंग, मेस, डाइनिंग, शैक्षणिक भ्रमण और अन्य मद। यह शुल्क तभी लिया जा सकेगा जब छात्र इन सेवाओं का इस्तेमाल कर रहा होगा।

7-8 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ा सकेंगे फीस
डॉ. शर्मा ने कहा कि निजी स्कूल वार्षिक फीस में 5 फीसदी से अधिक वृद्धि नहीं कर सकेंगे। अन्य मदों को भी मिला दें तो अधिकतम वृद्धि 7-8 फीसदी ही कर सकेंगे। फीस स्ट्रक्चर अनिवार्य रूप से वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा। एडमिशन फीस सिर्फ एक बार ही वसूल सकेंगे। फीस निर्धारण के लिए वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष माना जाएगा।

 शुल्क नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक मंडल में मंडलीय समिति बनाई जाएगी। इसका निर्णय न मानने पर स्कूल प्रबंधन पर पहली बार एक लाख रुपये, दूसरी बार 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। तीसरी बार मान्यता रद्द कर दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा संजय अग्रवाल ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक के प्रावधान उन्हीं स्कूलों पर लागू नहीं होंगे, जो सिर्फ प्री स्कूलिंग शिक्षा देते हैं।
सहायक अभियंता भर्ती में अब 100 नंबर का ही इंटरव्यू
सहायक अभियंता प्रतियोगी परीक्षा में अब इंटरव्यू 100 नंबर के ही होंगे। कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रदेश में सहायक अभियंता सम्मिलित प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली-2014 में इंटरव्यू के लिए अभी 250 अंक की व्यवस्था है जबकि लिखित परीक्षा 750 अंक की होती है।अब इंटरव्यू के अंक घटाकर 100 अंक करने पर सहमति दे दी गई है। समूह ‘ग’ व ‘घ’ के साथ समूह ‘ख’ के अराजपत्रित पदों से इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म करने के बाद सरकार ने राजपत्रित पदों में आलोचना का विषय बनने वाली भर्ती परीक्षाओं के इंटरव्यू नंबर की सीमा को सीमित करने की पहल शुरू कर दी है।

हर एग्रोक्लाइमेटिक जोन में विकसित होगी समन्वित कृषि प्रणाली

प्रदेश के प्रत्येक एग्रोक्लाइमेटिक जोन के एक जिले में समन्वित कृषि प्रणाली का विकास किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय अर्धशुष्क उष्ण कटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (इक्रीसेट), हैदराबाद प्रदेश के सभी नौ एग्रोक्लाइमेटिक जोन के एक-एक जिले में समन्वित कृषि प्रणाली विकसित करेगा।

प्रदेश सरकार ने अपने संकल्प पत्र में किसानों की आय दोगुनी करने के कार्यक्रम को प्राथमिकता दी है। इसके तहत ही इक्रीसैट जैसे संस्थान की ओर से विकसित मॉडल को विभिन्न एग्रोक्लाइमेटिक जोन में अपनाया जाएगा।

इस प्रणाली के तहत स्थानीय स्तर पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों और मौसम संबंधी आधारभूत आंकड़ों का वैज्ञानिक ढंग से इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदेश में फसल उपज के साथ-साथ पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और मछली पालन के वैज्ञानिक तरीकों से किसानों की आमदनी में वृद्धि हो सकेगी। इन सभी कार्यक्रमों को समन्वित कृषि प्रणाली में शामिल किया जाएगा। रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।

विधानमंडल सत्रावसान को मंजूरी

प्रदेश कैबिनेट ने विधानमंडल के बजट सत्र के सत्रावसान के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। वर्ष 2018 का पहला सत्र आठ फरवरी से शुरू हुआ था और 26 मार्च को संपन्न हुआ था। इस सत्र में 2018-19 के आमबजट के अलावा यूपीकोका सहित कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पास किया गया। इसी सत्र में मुख्यमंत्री ने विधायक निधि बढ़ाने का एलान भी किया।
 
 

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