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उत्तर प्रदेश में बारिश से कई मकान ढहे, कई की मौत, नदियां भी उफान पर


लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जिलों में हुई बारिश ने जमकर कहर बरपाया, बरसात आज भी जारी है। कच्चे घर व जर्जर दीवार ढहने से मलबे में दबकर सात लोगों की मौत हो गई, जबकि दस से अधिक घायल हो गए। वहीं कानपुर में घर में पानी भरने के दौरान सो रहे सफाई कर्मी की मौत हो गई, जबकि लखनऊ के आसपास जिलों में 11 मौतें हो गईं। प्रदेश के कई स्थानों पर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। लगातार बारिश से घर गिरने की घटनाओं में फर्रुखाबाद में दो की मौत और 13 घायल हुए, कानपुर देहात में मां की मौत हो गई जबकि बेटा घायल हो गया। कन्नौज व चित्रकूट में वृद्धा समेत तीन की जान चली गई। फतेहपुर में कोठरी गिरने से वृद्धा की मौत हो गई। बांदा समेत अन्य जिलों में कई स्थान पर घर गिरने की घटनाएं हुईं, हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई। हमीरपुर में यमुना का जलस्तर 95.30 व बेतवा का 94.380 मीटर दर्ज किया गया। जालौन में यमुना का जलस्तर 100.56 मीटर व बेतवा का 111.310 मीटर रहा। हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के कारण इटावा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर बढ़कर 136.45 मीटर पर पहुंच गया है। कन्नौज में गंगा का जलस्तर 124.17 मीटर पहुंच गया। ईशन नदी के उफनाने से खेत जलमग्न हो गए और गांव की ओर पानी बढ़ रहा है। ग्रामीणों का पलायन भी शुरू हो गया है। वहीं, पांडु नदी का पानी 18 गांवों में घुस गया। फतेहपुर में गंगा का जलस्तर 98.990 मीटर व यमुना का 91.26 मीटर तक पहुंच गया है। कानपुर में लगातार बारिश से तीन मंजिल के दो मकान गिर गए। औद्योगिक एरिया में पानी भरने और बिजली जाने से करीब तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ रुपये का उत्पादन प्रभावित हुआ। वाराणसी में सोमवार देर रात से शुरू हुई बूंदाबांदी मंगलवार को भी जारी रही। पूर्वांचल में मऊ, बलिया और आजमगढ़ जिले में घाघरा कुछ जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर हैं तो कुछ जगहों पर लाल निशान के करीब है। वहीं मीरजापुर, भदोही, वाराणसी, बलिया, चंदौली और गाजीपुर में गंगा के उफान से लोग दहशत में हैं। इलाहाबाद में रविवार से हो रही बारिश से पारा काफी नीचे आ गया है। बारिश के कारण कच्चे मकानों की दीवारें ढहने और छप्पर गिरने की घटनाओं से राजधानी लखनऊ के आसपास जिलों में 11 मौतें हो गईं। हरदोई में चार, अमेठी में एक, रायबरेली में एक, बहराइच में दो, बाराबंकी में एक, लखीमपुर में एक और सीतापुर में एक की जान चली गई। शारदा, घाघरा और गंगा सहित सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शारदा और घाघरा लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। सीतापुर में 65 गांव टापू बने हुए हैं।
ब्रज मंडल में नदियों में उफान आ रहा है। मथुरा में मंगलवार शाम पानी के चलते चेतावनी स्तर 165 मीटर को पार कर गई।

मथुरा में नगला पोहपी में सरकारी स्कूल की छत गिरने से आधा दर्जन बच्चे घायल हो गए। वहीं एक मकान गिरने से पिता-पुत्री घायल हो गए। फीरोजाबाद में छत और दीवारें गिरने की घटनाओं में एक दर्जन लोग घायल हो गए। कासगंज में एक मकान ढह गया। आगरा के डौकी में मकान गिरने से तीन लोग घायल हुए हैं। शामली में यमुना खतरे के निशान से नीचे आ गई है। मुरादाबाद में रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। सम्भल के गुन्नौर तहसील क्षेत्र से गुजर रही गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। अमरोहा में तिगरी स्थित गंगा नदी में जलस्तर 200.10 मीटर रिकार्ड किया गया। बरेली में मंगलवार को 53 मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड गई। वहीं, पीलीभीत, शाहजहांपुर व बदायूं में भी जमकर बारिश हुई। अलीगढ़ के टप्पल में गांव महाराजगढ़ व शेरपुर से यमुना का पानी आना शुरू हो गया है। सांकरा क्षेत्र में गंगा का जलस्तर स्थिर है। प्रदेश में जारी भारी बारिश के कारण सोमवार और मंगलवार को सूबे में 15 लोगों ने जान गंवायी हैै। राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इन दो दिनों में बारिश के कारण नौ लोग घायल हुए हैं।

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