उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए उत्साह बढ़ाने वाला रहा 2017
लखनऊ : 2017 उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए काफी अच्छा रहा। देश के राजनीतिक परिदृश्य में सबसे महत्वपूर्ण माने-जाने वाले यूपी में 2017 में भाजपा को भारी बढ़त मिली। साल के शुरू में विधानसभा चुनावों के साथ जीत का जो सिलसिला उसने शुरू किया था, वह साल के अंत में नगर निकाय चुनावों तक कायम रहा। इसी वर्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय के रूप में पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिला। वह चंदौली लोकसभा सीट से सांसद हैं। उनसे पहले केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मदद के लिए दो उपमुख्यमंत्री, केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा मिले। योगी, मौर्य और शर्मा तीनों इस समय विधान परिषद के सदस्य हैं। 2017 विरोधी पार्टियों के विधायकों के भाजपा में शामिल होने का भी गवाह बना। साल की शुरूआत में हुआ विधानसभा चुनाव भाजपा ने अपना दल (सोनेलाल) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था और राज्य के राजनीतिक इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया। भाजपा कुल 384 सीटों पर लड़ी, जिनमें से उसे 312 सीटों पर उसे जीत मिली। केवल पांच सीटें ऐसी रहीं, जहां भाजपा प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई। पार्टी का मत प्रतिशत 41.57 फीसदी रहा। भाजपा और उसके सहयोगियों ने 403 सदस्यीय विधानसभा में 325 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना (दल सोनेलाल) ने नौ और भारतीय समाज पार्टी (सुहेलदेव) ने चार सीटों पर जीत दर्ज की। उसका मत प्रतिशत 41.57 फीसदी रहा, जो कि 2012 में 15.21 फीसदी ही था। तब भाजपा केवल 47 सीटें ही जीत सकी थी।
इस बार भाजपा ने घोषणापत्र नहीं, बल्कि लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था। इसमें उसके सत्ता में आने की स्थिति में किये जाने वाले कार्यों और योजनाओं का उल्लेख था। सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने अयोध्या और मथुरा-वृन्दावन को नगर निगम बनाने का फैसला किया। तीन चरणों में हुए नगर निकाय चुनावों में भाजपा का दमदार प्रदर्शन रहा। महापौर की 16 में से 14 सीटें भाजपा की झोली में गयीं। इनमें लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर की महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है, जबकि लखनऊ से केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सांसद हैं। गोरखपुर योगी का क्षेत्र है। इस वर्ष के मेयर चुनावों में लखनऊ को सौ साल में पहली बार महिला महापौर मिलीं। अयोध्या तथा मथुरा-वृन्दावन को भी पहला महापौर भाजपा का मिला। भाजपा के महापौर प्रत्याशी अलीगढ और मेरठ में हारे, उन्हें बसपा ने पराजित किया। राज्य में कुल 13 सौ पार्षदों में से 596 भाजपा के बने। नगर पालिका परिषद के चेयरमैन की बात करें तो 198 सीटों में से 70 पर भाजपा जीती। नगर पंचायत अध्यक्ष पद के चुनावों में 438 में से सौ सीटें भाजपा के हिस्से में गईं। विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित होने के साथ ही योगी प्रदेश के तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री बने, जो उच्च सदन के सदस्य हैं।