उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार की आयुर्वेदिक फार्मेसी में गोमूत्र, लाभदायक ड्रिंक के रूप में बढ़ावा

उत्तर प्रदेश सरकार की आयुर्वेदिक फार्मेसी ने गोमूत्र को इकट्ठा करके उसे प्रॉसेस करने और बोतलों में भरकर बेचने का प्रस्ताव दिया है। पीलीभीत स्थित यह फार्मेसी पश्चिमी यूपी के 16 जिलों में सरकारी केंद्रों पर आयुर्वेदिक दवाएं सप्लाई करती है। पीलीभीत के सरकारी आयुर्वेद कॉलेज और हॉस्पिटल के प्रिसिंपल डॉक्टर प्रकाश चंद्र सक्सेना ने कहा, ‘हम गोमूत्र को न केवल दवा के रूप में बल्कि सेहत के लिए लाभदायक ड्रिंक रूप में बढ़ावा देंगे।’यूपी में गोमूत्र को स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक पेय के रूप में दिया जाएगा बढ़ावा

उन्होंने कहा, ‘हमने एक योजना बनाई है और इसकी स्वीकृति के लिए लखनऊ में आयुर्वेद विभाग में इस पर चर्चा करेंगे। 10 से 20 एमएल गोमूत्र के सेवन से मौसमी बीमारियां जैसे बुखार, कफ आदि नहीं होती हैं। गोमूत्र के रोजाना सेवन से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हमारा उद्देश्य है कि गोमूत्र को आम जनता को आसानी से सुलभ कराना है।’ 
इतने बड़े पैमाने पर कैसे गोमूत्र इकट्ठा करेंगे, इस बारे में पूछे जाने पर सक्सेना ने कहा, ‘हम सरकार या एनजीओ द्वारा संचालित डेयरी और गौशालाओं से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं। हम जल्द ही विशेषज्ञों और आयुर्वेद विभाग के निदेशक से परियोजना के डिटेल्स पर काम करेंगे।’ उन्होंने कहा कि फार्मेसी ने गोमूत्र से हर्बल दवाएं तैयार करने का फैसला किया है। 

फार्मेसी के प्रभारी डॉक्टर नरेश चंद्र गंगवार ने कहा, ‘राज्य सरकार ने ऑर्डर दिया है और हम इस महीने के आखिर में गोमूत्र से दवाएं बनाना शुरू करेंगे। इन दवाओं का इस्तेमाल कई बीमारियों जैसे बुखार, पीलिया, पाइल्स और लीवर को ठीक करने में किया जा सकेगा। कई शोधों में यह पता चला है कि आयुर्वेद का अभिन्न अंग गोमूत्र के हेल्थ के लिए बेहद लाभदायक है।’ बता दें, सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार सात जिलों में गोशाला बनाने जा रही है जिसमें प्रत्येक में एक हजार गायों को रखा जा सकेगा। 

 

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