उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती के लिए किया आयु सीमा में बदलाव
लखनऊ : राजकीय मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षकों की कमी को पूर्ण करने के लिए संविदा के आधार पर चिकित्सा शिक्षकों की तैनाती किए जाने को लेकर आयु सीमा की समस्या का निदान उत्तर प्रदेश सरकार ने कर दिया है। आयु सीमा वृद्धि के प्रस्ताव को मंत्रि परिषद की ओर से मंजूरी भी मिल गई है। जिसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज में संविदा के आधार पर खाली पदों को अब भरा जा सकेगा।शासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संविदा के आधार पर चयन के लिए चिकित्सा शिक्षकों की अधिकतम आयु सीमा में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मंत्रि परिषद ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संविदा के आधार पर चयन के लिए चिकित्सा शिक्षकों की अधिकतम आयु सीमा में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षकों की कमी को पूर्ण करने के लिए संविदा के आधार पर चिकित्सा शिक्षकों की तैनाती किए जाने के लिए शासनादेश 15.12.2008 द्वारा नीति निर्धारित किया गया था,जिसमें सभी पदों के लिए भर्ती की अधिकतम आयु सीमा आरक्षित वर्ग के लिए 50 वर्ष व सामान्य वर्ग के लिए 45 वर्ष निर्धारित थी।
वर्तमान में चिकित्सा शिक्षकों की व्याप्त कमी को दूर किए जाने के लिए आधिकाधिक अभ्यर्थियों को आकर्षित करने के उद्देश्य से शासनादेश 15 दिसंबर, 2008 को संशोधित करते हुए संविदा पर नियुक्त किए जाने वाले चिकित्सा शिक्षकों की अधिकतम आयु सीमा नियुक्ति वर्ष के जुलाई माह के प्रथम दिवस को सहायक आचार्य के लिए 60 वर्ष, सह आचार्य के लिए 64 वर्ष एवं आचार्य के लिए 68 वर्ष किए जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया है।