उद्देश्यपूर्ण शिक्षा से ही होगी सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत -डा. गांधी
नारी हिंसा पर अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन सी.एम.एस. में 12 अगस्त को
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में ‘‘नारी के प्रति हिंसा को रोकने में मीडिया, स्कूल व समाज की भूमिका’’ विषय पर ‘अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन’ का आयोजन आगामी 12 अगस्त 2017, शनिवार को सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के प्रख्यात मीडिया प्रमुख, पत्रकार, मनोवैज्ञानिक, विद्वान, शिक्षाविद् आदि प्रतिभाग कर रहे हैं, जो महिलाओं पर होने वाले अपराध व हिंसा पर अंकुश लगाने हेतु मीडिया, समाज तथा स्कूल की भूमिका पर अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत करेंगे। उक्त जानकारी आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने पत्रकारों को दी। डा. गाँधी ने कहा कि बालिकाओं व महिलाओं का शोषण समाज की सर्वाधिक विशाक्त एवं घृणित बुराइयों में से एक है और विडम्बना यह कि 21वीं सदी में भी विश्व समुदाय इस बुराई से उबर नहीं पाया है, जिसका एक प्रमुख कारण अशिक्षा भी है, ऐसे में इस सामाजिक बुराई को दूर करने में मीडिया व स्कूल की भूमिका प्रभावशाली साबित हो सकती है। प्रेस कान्फ्रेन्स में मीडिया सम्मेलन के उद्देश्य व उपयोगिता पर बोलते डा. गाँधी ने कहा कि विद्यालय समाज का प्रकाश स्तम्भ होता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत उद्देश्यपूर्ण शिक्षा से ही हो सकती है। इसी संदर्भ में सी.एम.एस. ने तमाम समाजिक बुराइयों के खिलाफ बीड़ा उठाया है और इसी के परिणामस्वरूप लखनऊ की सरजमीं पर सातवीं बार ‘अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन’ का आयोजन किया जा रहा है। डा. गाँधी ने आगे कहा कि मदर टेरेसा, कस्तूरबा गाँधी, इन्दिरा गाँधी और सरोजनी नायडू के इस देश में बालक-बालिकाओं में भेदभाव कतई स्वीकार्य नहीं है। यदि स्कूल और मीडिया मिलकर काम करें तो हम बालिकाओं व महिलाओं के स्तर को ऊपर उठाने के लिए काफी कुछ कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस सम्मेलन से काफी उम्मीदें हैं व हमें पूरा विश्वास है कि सम्मेलन में पधारे रहे प्रख्यात विद्वजनो के विचारों से सारे सामज को फायदा होगा और बालिकाओं व महिलाओं के प्रति भेदभाव की भावना में बदलाव लाया जा सकेगा।
इस अवसर पर सी.एम.एस. वर्ल्ड यूनिटी एजुकेशन डिपार्टमेन्ट के हेड श्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन बालिकाओं व महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कारणों को समझने और फिर संभावित समाधान का पता लगाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन में पधार रहे देश-विदेश के विद्वान न सिर्फ जेन्डर आधारित हिंसा से मुक्ति पर अपने विचार व्यक्त करेंगे अपितु अपने-अपने देशों में इस क्षेत्र में कार्य भी करेंगे। अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी श्री ऋषि खन्ना ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से सी.एम.एस. का प्रयास है कि ऐसे ज्वलन्त मुद्दे पर समाज के लोग जागरूक हों और इसमें मीडिया अपनी प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि सीएमएस द्वारा आयोजित किये गये विगत छः ‘अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन’ को विश्वव्यापी प्रतिनिधित्व तथा समर्थन प्राप्त हुआ था जिसमें देश-विदेश के प्रतिनिधियों ने बालिकाओं तथा महिलाओं पर होने वाले अन्याय, अत्याचार तथा भेदभाव पर अपना कड़ा विरोध प्रकट किया था। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस बार का सातवां सम्मेलन भी उद्देश्यपूर्णता तथा प्रभावपूर्णता की दृष्टि से और अधिक सफलतापूर्वक आयोजित होगा।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश-विदेश से जिन प्रख्यात विद्वानों, मीडिया प्रमुखों, पत्रकारों, शिक्षाविद्ों आदि की स्वीकृतियाँ प्राप्त हुई हैं, उनमें न्यायमूर्ति डा. आदेल ओमर शरीफ, डिप्टी जीफ जस्टिस, सुप्रीम कन्स्टीटूयशन कोर्ट ऑफ इजिप्ट, प्रो. नाथन जे. ब्राउन, प्रोफेसर, पॉलिटिकल साइन्स एवं इण्टरनेशनल अफेयर्स, जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका, श्री प्रभु चावला, वरिष्ठ पत्रकार एवं एडीटोरियल डायरेक्टर, न्यू इण्डियन एक्सप्रेस, नई दिल्ली, डा. वाएल अव्वाद, पॉलिटिकल एनालिस्ट एवं सीनियर इण्टरनेशनल जर्नलिस्ट, नई दिल्ली, श्री राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार, नई दिल्ली, श्री मुकेश भारद्वाज, संपादक, जनसत्ता, नई दिल्ली, डा. जवाहर सिरकार, पूर्व चीफ एक्जीक्यूटिव कमेटी, प्रसार भारती, नई दिल्ली, श्री श्रीपाल शकटावत, ब्यूरो हेड, ई.टी.वी., राजस्थान, श्रीमती जेना सोली सोराबजी, वाइस चेयरपरसन, नेशनल स्पिरिचुअल असेम्बली ऑफ बहाइज ऑफ इण्डिया, पद्मश्री जनक पाल्टा मैक्गिलिगन, सामाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरणविद्, श्री जॉन दयाल, सदस्य, नेशनल इंटीग्रेशन काउन्सिल, भारत सरकार, श्री अशोक सज्जनहार, पूर्व राजदूत एवं प्रेसीडेन्ट, इन्स्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल स्टडीज, सुश्री तहीरिह, ह्यूमन राइट्स रिसर्चर, इंग्लैण्ड, श्री माइकल डी सालाबेरी, भूतपूर्व राजदूत, मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेन अफेयर्स, कनाडा, श्री अबू तहेर, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, बांग्लादेश, श्री व्लादिमीरस्कू मिहाई, प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी ऑफ क्राइवो, रोमानिया, श्री जकारिया एल हामेल, प्रेसीडेन्ट एवं फाउण्डर, यूथ फॉर पीस इण्टरनेशनल, मोरक्को, सुश्री सेहबा हुसैन, बेटी फाउण्डेशन, लखनऊ आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा अभी और भी स्वीकृतियाँ आने की सम्भावना है। श्री शर्मा ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य उद्घाटन 12 अगस्त, शनिवार को प्रातः 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में होगा। इस अवसर पर विश्व में बालिकाओं एवं महिलाओं की सामाजिक स्थिति पर विशेष साँस्कृतिक प्रस्तुति दी जायेगी।