रुद्रप्रयाग: समुद्रतल से 11500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारपुरी में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य शुरू हो चुके हैं। ये सभी कार्य केदारनाथ विकास प्राधिकरण(केडीए) की देखरेख में संपन्न होने हैं। बावजूद इसके केडीए में अब तक इंजीनियर से लेकर क्लर्क तक के सभी दस पद खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में योजनाओं की देखरेख के लिए उधारी के कार्मिकों से काम चलाना पड़ रहा है।
वर्ष 2013 की आपदा में तबाह हुई केदारपुरी को दोबारा बसाने के लिए सितंबर 2013 में केडीए का गठन किया गया था। केडीए के पास केदारपुरी में विभिन्न निर्माण एजेंसियों के कार्यों की गुणवत्ता से लेकर अन्य तमाम गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी है। लेकिन, विडंबना देखिए कि प्राधिकरण के पास इंजीनियर तो छोड़िए, सामान्य स्टाफ तक नहीं है।
बता दें कि गत 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 करोड़ से अधिक की लागत वाली पांच योजनाओं की नींव केदारपुरी में रखी थी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि योजनाओं की गुणवत्ता उच्च कोटी की होनी चाहिए। तब से डेढ़ माह की अवधि बीत चुकी है, लेकिन अब तक केडीए में रिक्त पड़े 13 पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाई।
व्यवस्था पर कब तक चलेगा केडीए
केदारपुरी में पीएम की भावनाओं के अनुरूप केदारनाथ मंदिर से ठीक सामने पैदल मार्ग का निर्माण और बाढ़ सुरक्षा के कार्य शुरू हो चुके हैं। साथ ही एमआइ-17 हेलीपैड से लेकर मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम तक भी कार्य किया जा रहा है। इन कार्यों की गुणवत्ता परखने के लिए लोनिवि के एक अवर अभियंता और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तीन कर्मचारियों को फिलहाल व्यवस्था पर लगाया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे कि आखिर केडीए कब तक व्यवस्था पर चलेगा।
केडीए के तहत आने वाले पद
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिलाधिकारी (पदेन)
- अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, 01 (पीसीएस अधिकारी)
- वैयक्तिक सहायक, 01
- सहायक अभियंता, 01
- अवर अभियंता, 01
- डाटा इंट्री ऑपरेटर, 02
- सहायक लेखाकार, 01
- मानचित्रकार, 01
- वाहन चालक, 01
- सफाईकर्मी, 02
(नोट: मुख्य कार्यकारी अधिकारी को छोड़ सभी पद रिक्त हैं।)
पांच करोड़ की धनराशि स्वीकृत
केदारपुरी में मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम से एमआइ-17 हेलीपैड तक के पैदल मार्ग के लिए शासन ने 2.30 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। जबकि, सरस्वती नदी पर बाढ़ सुरक्षा कार्य के लिए 3.30 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है।
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि केदारनाथ विकास प्राधिकरण के तहत पदों को भरने के लिए कार्यवाही चल रही है। अवर अभियंता अन्य विभाग से लिए गए हैं, जबकि कुछ स्टाफ आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से लिया गया है।