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उन्नाव मामले में निलंबित छह पुलिसकर्मी सीबीआई हिरासत में, एसपी से भी पूछताछ

उन्नाव। माखी कांड में सीबीआई का घेरा पुलिस के बड़े अधिकारियों पर भी कसता दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक घटना के वक्त जिले में तैनात रहीं एसपी नेहा पांडेय के साथ वर्तमान एसपी पुष्पांजलि से सीबीआई पूछताछ करेगी। निलंबित सफीपुर सीओ कुंवर बहादुर सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो सकती है।

दुष्कर्म पीड़िता के मरणासन्न पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और जेल भेजने वाले हल्का इंचार्ज केपी सिंह को गिरफ्तार किए जाने की सूचना है। सीबीआई टीम द्वारा निलंबित माखी एसओ अशोक भदौरिया के साथ चार सिपाहियों को हिरासत में लिये जाने की जानकारी मिल रही है। थाने में ही पांचों से चल रही है पूछताछ। एसओ, हल्का दारोगा और चारों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।  

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने बीते मंगलवार को इस प्रकरण पर 24 घंटे के भीतर एसआईटी की रिपोर्ट तलब की थी। अब जेल में पीडि़ता के पिता की हत्या की जांच भी सीबीआइ करेगी। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पुलिस ने देर रात विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले में लापरवाही बरतने के लिए एक पुलिस क्षेत्रधिकारी व दो डाक्टरों को भी निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले पूरे मामले की जांच के लिए उन्नाव गई एसआईटी की टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में दी थी। सरकार ने कार्रवाई का फैसला एसआईटी के साथ ही डीआईजी जेल और डीएम उन्नाव की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के आधार पर देर रात किया। इसके बाद पीडि़त परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

राज्य सरकार ने उन्नाव के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म सहित अन्य संगीन आरोपों की जांच सीबीआइ से कराने का फैसला किया है। पीडि़ता के पिता की हत्या की जांच भी सीबीआइ करेगी। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पुलिस ने देर रात विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। राज्य सरकार की ओर से देर रात बताया गया कि पूरे मामले की सीबीआइ जांच करेगी। इसमें पीडि़ता के दुष्कर्म के आरोप और उसके पिता की हत्या शामिल है। लापरवाही बरतने के आरोप में सीओ शफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। पीडि़ता के पिता के उपचार में लापरवाही पर सीएमएस डॉ. डीके द्विवेदी व ईएमओ डॉ. प्रशांत उपाध्याय को भी निलंबित किया गया है। डॉ. मनोज, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैैं।

यहा है मामला

उन्नाव के माखी गांव निवासी एक युवती को तीन युवकों ने नौकरी के बहाने ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था जिसमें युवती ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 22 और 25 जून को तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इस समय वे जमानत पर हैं जिसके खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। 17 अगस्त, 2017 को पीडि़ता ने मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की, जिसमें उसने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसके भाई व अन्य लोगों पर चार जून, 2017 को उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। 

जिसके बाद उसके परिवार को विधायक की ओर से प्रताड़ित किया जाने लगा। एक दिन लड़की के पिता को पीटने के बाद फर्जी मुकदमें में जेल भेज दिया गया। जेल में ही पिटाई से पिता की मौत हो गई। लड़की ने पिता की मौत से पहले मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्महत्या करने का प्रयास किया। इसके बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई। घटनाक्रम मीडिया में छाने के बाद मुख्यमंत्री ने एसआइटी का गठन किया। 24 घंटे में टीम से रिपोर्ट मांगी। एसआइटी की रिपोर्ट पर डाक्टर, सीओ सहित पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।

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