उन 5 दिनों में बढ़ सकता है कोलेस्ट्रॉल लेवल, जानिए कैसे?
मासिक धर्म के दौरान कई तरह की सेहत संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं जैसे कि मूड में उतार-चढ़ाव, पेट दर्द आदि। लेकिन ये कुछ ऐसी तकलीफें हैं, जिनके बारे में शायद ही आप जानती होंगी? जानिए शोध के अनुसार मासिक के दौरान और क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं…
बढ़ सकता है कोलेस्ट्रॉल लेवल
जरनल ऑफ क्लीनिकल एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित करता है। अंडा बनने की प्रक्रिया के साथ ही एस्ट्रोजन का स्तर बढऩे में एचडीएल (गुड) कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और एलडीएल (बेड) कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड का स्तर गिर जाता है और जैसे ही मासिक धर्म शुरू होता है, यह न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाता है। इसलिए अगर आप कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवाएं लेने की सोच रही हैं तो यह देख लें कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर में उतार-चढ़ाव कहीं मासिक धर्म की वजह से तो नहीं है।
खांसी-सांस की समस्याएं
खांसी, सांस में घरघराहट, सांस भरना जैसी समस्याओं का संबंध भी मासिक धर्म से है, खासकर अगर महिला अस्थमा से पीडि़त है तो स्थिति बिगड़ भी सकती है। मासिक धर्म के 10 से 22 दिन के बीच सांस में घरघराहट ज्यादा होती है, जबकि सातवें दिन से 21वें दिन तक सांस ज्यादा भर सकती है। जिन महिलाओं को अस्थमा है या फिर जिनका वजन ज्यादा है, उन्हें कम या ज्यादा दवाओं की जरूरत पड़ सकती है
मसूढ़ों की बीमारी
मसूढ़ों के ऊतकों में ढेर सारे एस्ट्रोजन रेसेप्टर्स होते हैं, जो हार्मोन संबंधी उतार-चढ़ाव पर प्रतिक्रिया करते हैं। इसलिए मासिक धर्म के दौरान मुंह में मसूढ़ों संबंधी परेशानी हो जाती है। मासिक धर्म और उससे पहले शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल काफी ज्यादा होता है। आपको डेंटिस्ट के पास दांतों संबंधी किसी भी इलाज के लिए जाना हो, मासिक धर्म के बाद ही जाएं। तब एस्ट्रोजन का लेवल कम होता है, मसूढ़े कम संवेदनशील होते हैं।