नई दिल्ली : छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में हुए उप-चुनाव में मुख्य रूप से सत्ताधारी पार्टियों का ही पलड़ा भारी रहा। इन राज्यों में जिन 10 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव हुए, उनमें से ज्यादातर सीटों पर वहां की सत्ताधारी पार्टी को ही जीत मिली। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ने उप-चुनाव में दो-दो लोकसभा सीटों पर आज जीत दर्ज कर दावा किया कि ये नतीजे 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के मोदी सरकार के फैसले पर उनके अपने-अपने रुख को सही ठहराते हैं। छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में हुए उप-चुनाव में मुख्य रूप से सत्ताधारी पार्टियों का ही पलड़ा भारी रहा। इन राज्यों में जिन 10 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव हुए, उनमें से ज्यादातर सीटों पर वहां की सत्ताधारी पार्टी को ही जीत मिली। बीते 19 नवंबर को छह राज्यों की 10 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव कराए गए थे, जिनके नतीजे आज घोषित किए गए। भाजपा और अन्नाद्रमुक ने तीन-तीन सीटों पर जीत दर्ज की, माकपा को दो सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को एक-एक सीटों से संतोष करना पड़ा।
असम की लखीमपुर लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रहा। असम का मुख्यमंत्री बनने के लिए सर्वानंद सोनोवाल की ओर से यह सीट छोड़ने के बाद यहां उप-चुनाव कराए गए। भाजपा ने इस सीट पर 1,90,219 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। मध्य प्रदेश की शहडोल लोकसभा सीट पर भी भाजपा को ही जीत मिली। असम और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों में भाजपा की ही सरकारें हैं। तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल की तमलुक और कूचबिहार लोकसभा सीटों पर जीत मिली। करीब 4.9 लाख वोटों के अंतर से पार्टी ने यह जीत हासिल की, जो 2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले लगभग दोगुना है। तृणमूल ने मोंटेश्वर विधानसभा सीट भी जीती जबकि माकपा, कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों की इस सीट पर जमानत जब्त हो गई। मध्य प्रदेश की शहडोल लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत का अंतर 2014 के लोकसभा चुनावों में 2,41,301 था जो इस उप-चुनाव में घटकर 60,000 रह गया। नेपानगर विधानसभा सीट भी भाजपा ने ही जीती। हालांकि, इस सीट पर पार्टी की जीत का अंतर पिछली बार 22,178 था जो इस बार बढ़कर 42,198 हो गया।