नई दिल्ली : विपक्ष का महाभियोग प्रस्ताव राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू खारिज कर चुके हैं, लेकिन विपक्ष ने उपराष्ट्रपति के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और अमी याज्ञनिक ने मुख्य न्यायाधीश को पद से हटाने का प्रस्ताव खारिज होने के खिलाफ उच्चतम न्यायलय में याचिका दायर की। याचिका में दूसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली बेंच से सुनवाई के लिए उचित बेंच के गठन की मांग की गई है। कांग्रेस सांसदों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने न्यायालय में कहा कि चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर ज़रूर हैं लेकिन ये मामला उनसे सीधे जुड़ा है, इसलिए सुनवाई का आदेश दूसरे वरिष्ठतम जज दें। जस्टिस चेलमेश्वर ने शुरुआत में थोड़ी अनिच्छा जताई, लेकिन वकीलों के बार-बार अनुरोध पर उन्होंने कहा कि आप लोग कल आइए। विपक्ष ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ ‘कदाचार’ और ‘पद के दुरुपयोग’ का आरोप लगाते हुए महाभियोग का प्रस्ताव दिया था। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने कहा था कि यह तकनीकी तौर पर किसी भी तरह से मंजूर करने लायक नहीं है, कांग्रेस ने वेंकैया नायडू के फैसले को ‘असंवैधानिक और गैरकानूनी’ करार दिया था।गौरतलब है कि कुछ महीने पहले सर्वोच्च अदालत के चार वरिष्ठ जस्टिस जे चेकमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ ने मीडिया के सामने आकर सीजेआई दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए थे, इसके बाद कांग्रेस, वामदलों ने महाभियोग की तैयारी शुरू की थी।