लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि अजीब विडंबना है कि उत्तर प्रदेश की घटनाओं का विदेशी माध्यमों से भी दुष्प्रचार हो रहा है। एक अमेरिकी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक संघर्षो के नाम पर झूठी कहानी गढ़ी गई है। जबकि हकीकत यह है कि वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में एक दुःखद घटना हुई थी जिसमें प्रशासन ने दो दिन में ही काबू पा लिया था। पीड़ितों को भरपूर मदद दी गई। वर्ष 2014 में सहारनपुर में असामाजिक तत्वों की करतूतों पर सरकार ने कड़ा रूख अपनाया तो वहां शांति स्थापित होने में देर नहीं लगी। इस सबके बावजूद किसी विदेशी माध्यम में उत्तर प्रदेश की बदनामी यही जाहिर करती है कि कुछ ताकतें राज्य की जनता का सम्मान और जनादेश दोनों की अवहेलना करने के साथ विकास की गति में भी अवरोध पैदा करना चाहती है। ऐसे लोग न तो उत्तर प्रदेश के हितचिंतक हैं और नहीं प्रदेश की प्रगति के हिमायती हैं। उत्तर प्रदेश में जब से समाजवादी सरकार सत्ता में आई है विपक्षी दल मिलकर उस पर हमलावर हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पद की शपथ लेते ही प्रदेश को बदहाली से उबारने के लिए विकास का नया एजेण्डा बनाकर जनहित की तमाम परियोजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। कानून व्यवस्था के साथ अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार हुआ है। इससे प्रदेश के हालात में बदलाव आना शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का सपना नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव ने देखा था जिसको मूर्तरूप देने का काम श्री अखिलेश यादव कर रहे हैं। उनके प्रयास सफल न हों इसके लिए कुछ शक्तियां सुनियोजित तरीके से साजिशें कर रही है। आरएसएस और भाजपा की सांप्रदायिक मानसिकता का इसमें बड़ा हाथ है। मुजफ्फरनगर के बाद कांठ (मुरादाबाद) और फिर सहारनपुर की घटनाओं के पीछे विकास विरोधी तत्व ही रहे हैं। इनकी साजिश समाजवादी सरकार और उत्तर प्रदेश को बदनाम करने की है।