नवमिष्टी : इस दिवाली लीजिए बंगाली मिठाइयों का स्वाद
कोलकाता । रोजमेरी संदेश नोलेन गुरर मेडिलीन मालपुआ पनीर केक और रबड़ी ब्राउनी- मिठाइयों के ये नाम आपको कुछ नए से लग रहे होंगे। दरअसल इस दिवाली बंगाल की मशहूर मिष्टी को नए तरीको से बनाकर इसे और स्वादिष्ट बनाया जा रहा है। बंगाल की रसोइयों में त्योहार के मौके पर कुछ न गंभीर प्रयोग चलते रहते हैं। ठेठ बंगाली मसालों का प्रयोग तत्काल विरासत से जुड़ाव सुनिश्चित करता है।128 साल पुरानी मिठाई प्रतिष्ठित दुकान ‘बलराम मलिक राधाराम मलिक’ के मालिक सुदीप मलिक ने बताया ‘‘लोग हमेशा कुछ नया चाहते हैं… वे अन्य संस्कृतियों को अधिक उजागर कर रहे हैं… वे ज्यादा किस्में चाहते हैं। वे संदेश को नए रूपों में प्रयोग करना चाहते हैं और यही कारण है कि 2००० से हम ब्ल्यूबेरी आम और चॉकलेट जैसे फ्लेवर स्वादों पर प्रयोग कर रहे हैं।’’मलिक की दुकान इस साल रोजमेरी संदेश लेकर आई है। रोजमेरी इतालवी शाक का ट्रेडमार्क है मलिक का कहना है कि पास्ता प्रेमियों की बढ़ती संख्या को भुनाने के लिए ऐसी नई चीजें जरूरी हैं। बांगाली मिठाइयों में संदेश भी किसी से कम नहीं है। मलिक ने बताया ‘‘संदेश बनाते समय हम बुनियादी विधि को ध्यान में रखते हैं। जानते हैं कि हम एक पारंपरिक चीज को आधुनिकता के साथ परोस रहे हैं।’’ अन्य व्यंजनों जैसे नोलेन गुड़ेर कंद (गुड़ में बना कंद) और नोलेन गुड़ेर मेडिलीन (गुड़ से सजा फ्रेंच स्पंची केक) भी ऐसी मिठाइयां हैं जो गुड़ से बनी मिठाइयों की तरह हैं। रसोइया बनर्जी ने आईएनएस को बताया ‘‘मुख्य कम फ्लेवर्स को संतुलित करना है क्योंकि सरसों जैसी चीजें तेज सुगंध के लिए जानी जाती हैं।’’ सबसे ज्यादा बिकने वाला पालपुआ पनीर केक (छेना और मालपुए के मिश्रण से बनी केक) पुरानी चीजों को और नए तरीके से बनाने का एक उदाहरण है। जब कोई वेदा रेस्तरां में गंधराज में पनीर केक और रसीली रबड़ी में रबड़ी ब्राउनी का संकेत पाता है तो उसे चकित नहीं होना चाहिए। रसोइया देबाशीष ने आईएएनएस को बताया ‘‘या तो हमारे मेहमान युवा हैं या मौसमी खाना खाने वाले। वे अपने खाने को अच्छी तरह से जानते हैं।’’