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उप्र में बदला राशन कार्ड का रंग

rationलखनऊ। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस)के राशन कार्ड पर अब सियासी रंग नहीं दिखेगा यानी अब यह नीले और हरे रंग के बजाय सफेद और पीले रंग में होगा। खाद्य सुरक्षा अधिनियम को ध्यान में रखकर बन रहे राशन कार्ड एकदम अलग होंगे और इनमें तमाम नई जानकारियां दर्ज होंगी। अगले महीने की 2० तारीख तक नए राशन कार्ड उपभोक्ताओं तक पहुंचने की उम्मीद है।नए राशन कार्ड के आकार और प्रकार को लेकर प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद दीपक त्रिवेदी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अन्त्योदय श्रेणी के राशन कार्ड का रंग गुलाबी बीपीएल श्रेणी के राशन कार्ड का रंग सफेद और एपीएल श्रेणी के राशन कार्ड का रंग पीला होगा।राशन कार्ड में कुल आठ पृष्ठ होंगे। राशन कार्ड के ऊपर नए और पुराने राशन कार्ड का नंबर परिवार के मुखिया का नाम जन्मतिथि जाति मतदाता पहचान पत्र नंबर निवास बैंक खाते की जानकारी मोबाइल नंबर वार्षिक आय गैस कनेक्शन संख्या एजेन्सी का नाम उचित मूल्य दुकानदार की संख्या और इसे जारी करने वाले अधिकारी का नाम अंकित होगा।वर्तमान में जो राशन कार्ड प्रचलन में है उसमें इतना विवरण नहीं होता है। सूत्रों का कहना है कि आगे चलकर ये राशन कार्ड गैस आपूर्ति के साथ खाद्य सुरक्षा का लाभ दिए जाने में इस्तेमाल होने हैं इसलिए तमाम नई जानकारियां दर्ज की गई हैं।खाद्य एवं रसद विभाग की अपर आयुक्त रितु माहेश्वरी का कहना है कि पूरे प्रदेश में नए राशन कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है और मार्च माह की 2० तारीख तक नए राशन कार्ड उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की कोशिश है। सारे के सारे राशन कार्ड ऑन लाइन मुद्रित होंगे और इनकी न्यूनतम अवधि पांच और अधिकतम 1० वर्ष होगी।एपीएल श्रेणी के परिवारों को नए राशन कार्ड की कीमत 1० रुपए देनी होगी जबकि बीपीएल श्रेणी के परिवार को 5 रुपया शुल्क के रूप में देना होगा। इसके अलावा अन्त्योदय श्रेणी के परिवारों को मुफ्त में राशन कार्ड मिलेंगे। इसके अलावा डुप्लीकेट राशन कार्ड जारी कराने के लिए पेनाल्टी शुल्क के साथ एपीएल श्रेणी को 5० रुपये बीपीएल श्रेणी को 25 रुपये और अन्त्योदय श्रेणी को 1० रुपये का पोस्टल आर्डर देना होगा।सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वर्तमान में चल रहे राशन कार्ड की समय सीमा वर्ष 2००9-1० में समाप्त हो चुकी है। इन्हें सियासी रंग देने के चक्कर में नए राशन कार्ड लम्बे अर्से से नहीं बन पा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) शासनकाल में नए राशन कार्ड बनाने का निर्णय भी हो गया था और तत्कालीन प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद बलविन्दर कुमार ने नीले रंग के कार्ड छपवाने के निर्देश तक दे दिए थे लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के बाद नए राशन कार्ड नहीं छप सके थे।इसके बाद नीले रंग के राशन कार्ड छपवाने का निर्णय हुआ लेकिन ये भी छप नहीं पाए। रंग की सियासत के दांवपेंच में फंसकर नए राशन कार्ड अब तक नहीं बन सके और समय सीमा बढ़ाकर पुरानों से ही काम चलाया जा रहा है।

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