अमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदना चाहता है वह क्या कश्मीर के नियमों का पालन करेगा? यहां तक कि कश्मीर में रहने वाले लोग वहां सुरक्षित महसूस नहीं करते। उन्होंने कहा कि जो लोग कश्मीर में जमीन खरीदने की इच्छा रखते हैं उनसे लिखित में लेना चाहिए की कश्मीर में जमीन खरीदने और नौकरियों की तलाश करने से पहले वे जम्मू पहुंचेंगे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहले भी कहा था कि राज्य को मिले विशेष दर्जे पर बहस की मांग कर रहे लोग ‘आग से खेल रहे हैं’, क्योंकि यह मुद्दा राज्य के भारत में विलय से संबंधित है। उनका यह बयान उस वक्त आया है जब अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एनडीए सरकार अनुच्छेद 356 पर ‘व्यापक बहस’ चाहती है।
उमर ने कहा, ‘विलय पर चर्चा किए बिना आप जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे पर बहस कर सकते हैं? आप ऐसा नहीं कर सकते। ये एक ही सिक्के दो पहलू हैं। विशेष दर्जे के साथ जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ विलय हुआ था।’ उन्होंने कहा कि भाजपा को यह समझने की जरूरत है कि जो संगठन इस मुद्दे को उछाल रहे हैं, वो ‘आग से खेल रहे’ हैं।’
उमर अब्दुला ने ट्वीट कर आर्टिकल 35A पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, आर्टिकल 35A को हटाना राज्य के विशेष कानूनों को समाप्त करने जैसा होगा।