ज्ञान भंडार
उमड़ी भीड़,शहीद जवान की अंतिम यात्रा में दी गई श्रद्धांजलि
रांची । कश्मीर के पंपोर में आतंकी हमले में शहीद धनबाद के जांबाज शशिकांत पांडेय (21) का पार्थिव शरीर सोमवार को झरिया स्थित उनके घर पहुंचा। उनके परिजनों के साथ पूरे इलाके के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनकी अंतिम यात्रा में काफी लोगाें की भीड़ उमड़ पड़ी।
-दोपहर दामोदर नदी के मोहलबनी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। रामगढ़ से सिख रेजीमेंट के पांच दर्जन अफसर जवान जोड़ापोखर पहुंचे हैं।
-इससे पूर्व रांची स्थित नामकुम आर्मी कैंप में सोमवार की सुबह 7:30 बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
-इसके बाद पार्थिव शरीर को धनबाद के जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के जियलगोरा पोस्ट ऑफिस के समीप स्थित घर पर ले जाया गया।
– बताते चलें कि शशिकांत के शहीद होने की सूचना मिलते ही धनबाद स्थित उनके घर में रात से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई।
-सर्द हवाओं के बावजूद गली-चौराहों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। उनमें पाकिस्तान के प्रति आक्रोश था।
-वे कभी भारत माता की जय, शहीद शशिकांत अमर रहें, तो कभी पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।
-बताते चलें कि यह हमला पंपोर में किया गया था, जिसमें 3 जवान शहीद हो गए थे। शशिकांत पांडेय भी उसी हमले में शहीद हुए।
-वे मूल रुप से मोतिहारी (बिहार) के रहने वाले थे। काफी समय से उनका पूरा परिवार धनबाद के झरिया में रह रहा है।
-इससे पूर्व रांची स्थित नामकुम आर्मी कैंप में सोमवार की सुबह 7:30 बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
-इसके बाद पार्थिव शरीर को धनबाद के जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के जियलगोरा पोस्ट ऑफिस के समीप स्थित घर पर ले जाया गया।
– बताते चलें कि शशिकांत के शहीद होने की सूचना मिलते ही धनबाद स्थित उनके घर में रात से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई।
-सर्द हवाओं के बावजूद गली-चौराहों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। उनमें पाकिस्तान के प्रति आक्रोश था।
-वे कभी भारत माता की जय, शहीद शशिकांत अमर रहें, तो कभी पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।
-बताते चलें कि यह हमला पंपोर में किया गया था, जिसमें 3 जवान शहीद हो गए थे। शशिकांत पांडेय भी उसी हमले में शहीद हुए।
-वे मूल रुप से मोतिहारी (बिहार) के रहने वाले थे। काफी समय से उनका पूरा परिवार धनबाद के झरिया में रह रहा है।
पिता बोले- बेटे की शहादत पर गर्व, पर सरकार ठोस फैसला ले
-पिता राजेश्वर पांडेय ने कहा कि शशिकांत से शनिवार दोपहर तीन बजे उनकी अंतिम बार बातचीत हुई थी।
– कहा था-मैं ठीक हूं, अपना ख्याल रखना। मेरे लाल ने देश की रक्षा में अपनी जान दे दी। मुझे बेटे की शहादत पर गर्व है।
– उसने मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। लेकिन सरकार को कोई ठोस कदम उठाना होगा, ताकि आतंकवाद का जड़ से खात्मा हो और किसी मां की गोद सूनी ना हो।
-पिता राजेश्वर पांडेय ने कहा कि शशिकांत से शनिवार दोपहर तीन बजे उनकी अंतिम बार बातचीत हुई थी।
– कहा था-मैं ठीक हूं, अपना ख्याल रखना। मेरे लाल ने देश की रक्षा में अपनी जान दे दी। मुझे बेटे की शहादत पर गर्व है।
– उसने मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। लेकिन सरकार को कोई ठोस कदम उठाना होगा, ताकि आतंकवाद का जड़ से खात्मा हो और किसी मां की गोद सूनी ना हो।