देहरादून। ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित लक्ष्मण झूला पुल अब लोगों के आवागमन की दृ़ष्टि से सुरक्षित नहीं है। अधिकारियों ने इसको आज से बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि पुल का टावर एक ओर झुक हुआ प्रतीत हो रहा है। सुरक्षा की दृष्टि के चलते यह निर्णय लिया गया है।
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि ऋषिकेश स्थित लक्ष्मण झूला सेतु को आज से आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह पुल वर्ष 1930 में निर्मित हुआ था, जो वर्तमान में तत्समय के सापेक्ष अप्रत्याशित यातायात वृद्धि के कारण काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। पुल के टावर एक ओर झुके हुए प्रतीत हो रहे हैं। यातायात घनत्व और अधिक होने के कारण भविष्य में पुल के क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। इसके फलस्वरूप जनहानि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस वर्ष 20 जनवरी को डिजाइन टेक स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट्स द्वारा विस्तृत तकनीकी के माध्यम से इस पुल का अध्ययन किया गया था। जिसमें पता चला कि वर्ष 1930 में निर्मित यह पुल अपनी उम्र पूरी कर चुका है। डिजाइन टैक स्ट्रक्चरल कन्सलटैंट की आबजर्वेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि ”हमने देखा कि अधिकांश पुल के पुर्जे और अन्य सामान खराब हो गए हैं और ढहने की स्थिति में हैं। इस पुल को अब से पैदल यात्रियों के आवागमन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह अत्यधिक अनुशंसा की जाती है कि इस पुल को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए, अन्यथा किसी भी समय कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा इसके फलस्वरूप जनहानि एवं दुर्घटना न हो इस बात को दृष्टिगत रखते हुए लक्ष्मण झूला सेतु को आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है।