अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान कई दिनों से ऋषिकेश में ठहरे सुपर स्टार रजनीकांत ने ऐसा नजारा देखा कि वह खुद को भाावुक होने से रोक नहीं सके।
रजनीकांत ने गुरुवार को स्वामी दयानंद आश्रम में पल रहे केदारघाटी के आपदा पीड़ित बच्चों की आपबीती सुनकर भावुक हो उठे।
उन्होंने बच्चों को उपहार व पाठ्य सामाग्री वितरित की। आश्रम ने जून 2013 की आपदा में अपनों को खो चुके 40 बच्चों को गोद लिया हुआ है। इसके साथ ही रजनीकांत ने संतों को भोजन परोसा और दक्षिणा भी दी।
दयानंद आश्रम के प्रबंधक गुणानंद रयाल ने बताया कि रजनीकांत शुक्रवार सुबह द्वाराहाट (कुमाऊं) के लिए रवाना होंगे। आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन संत स्वामी दयानंद सरस्वती रजनीकांत के आध्यात्मिक गुरु रहे हैं।
गुरु स्थान दयानंद आश्रम में ठहरे अभिनेता रजनीकांत ने गुरु की समाधि के दर्शन किए। यहां उन्होंने गुरु दयानंद सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख करीब 15 मिनट तक ध्यान लगाया।
अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान कई दिनों से ऋषिकेश में ठहरे सुपर स्टार रजनीकांत ने ऐसा नजारा देखा कि वह खुद को भाावुक होने से रोक नहीं सके।