नई दिल्ली: अगर आप भी एंटीबायोटिक दवा लेने के आदि है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। एंटीबायोटिक दवाईयों को लेकर एक ऐसा सर्वे सामने आया है जिसे पढ़ कर आपके भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। जी हां, गैर जरूरी एंटीबायोटिक दवाओं को खाया जाए तो मरीज का इलाज करना लगभग नामुमकिन हो जाता है। खासतौर पर टीबी की बीमारी में इलाज असंभव हो जाता है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन में भारत की स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आई है। भारत के 50 फीसदी से ज्यादा लोग दवाओं के नकारात्मक असर का ध्यान नहीं रखते और डॉक्टर से परामर्श लिए बिना एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करते हैं।
– एंटीबायोटिक दो ग्रीक शब्दों एंटी (विरोध) और बायोस (जीवन) से मिलकर बना है। – बैक्टीरिया को जीवन की प्राथमिक अवस्था माना जाता है।- एंटीबायोटिक का मतलब जीवन यानी बैक्टीरिया का विरोध करने वाली चीज है। यह जीवाणुओं के विकास को रोकता है। इसका इस्तेमाल जीवाणुओं के संक्रमण के इलाज में होता है।- सन 2000 से 2010 के दौरान दुनिया में इन दवाओं का इस्तेमाल में 30 फीसदी बढ़ा है।- वर्ष 2010 में इन दवाओं के सेवन में भारत नंबर एक पर रहा था। इस दौरान भारत में 1300 करोड़ स्टैंडर्ड यूनिट (डोज), चीन में 1000 करोड़ और अमेरिका में 700 करोड़ स्टैंडर्ड यूनिट एंटीबायोटिक दवाओं की खपत हुईं।- भारत में वर्ष 2010 में टीबी के 4 लाख 40 हजार नये मामले सामने आये, जिन पर एंटीबायोटिक का कोई प्रभाव नहीं देखा गया। इनमें से लगभग डेढ़ लोगों की मौत हो गई।- विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक एंटीबायोटिक दवाओं के बेअसर होने की वजह से दुनिया में प्रतिवर्ष सात लाख लोग मारे जाते हैं।- एंटीबायोटिक दवाओं के कम होते असर को नहीं रोका जा सका तो वर्ष 2050 तक मरने वालों की संख्या बढ़कर एक करोड़ प्रतिवर्ष हो जाएगी।- गंगाराम अस्पताल में नवंबर 2014 से दिसंबर 2015 के बीच आईसीयू में भर्ती 234 मरीज़ों पर अध्ययन किया गया, जिसके नतीजों के मुताबिक 70 फीसदी मरीज़ों पर एंटीबायोटिक दवाओं ने असर नहीं किया।
– 90 फीसदी डॉक्टर मरीज को दवा देने के तीन दिन बाद नियमानुसार शरीर पर उस दवा के प्रभाव की जांच नहीं करते।- सर्दी-जुकाम, फ्लू, खांसी, गले की सूजन, पेट-दर्द, कान का इन्फेक्शन आदि में एंटीबायोटिक नहीं लेना चाहिये।- साइनस इन्फेक्शन, मूत्रनली में संक्रमण, त्वचा संक्रमण, चोट लगने पर आप डॉक्टर से सलाह लेकर आवश्यकता के अनुसार एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं।- जरूरत से ज़्यादा और अनियमित रूप से एंटीबायोटिक दवा खाने से दवा के बेअसर होने के अलावा डायरिया, मुंह में संक्रमण और पाचन तंत्र में कमजोरी होने का खतरा भी बढ़ जाता है।- गर्भवती महिलाओं, एलर्जी और लीवर की बीमारी से पीड़ित लोगों को खासतौर पर बिना डॉक्टर से सलाह लिए एंटीबायोटिक दवा नहीं लेनी चाहिए।