राष्ट्रीय
एएमयू और जामिया का अल्पसंख्यक दर्जा खत्म करने को स्मृति ईरानी ने बताया सही
अमेठी : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया का अल्पसंख्यक दर्जा ख़त्म करने को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने जायज़ ठहराया है। रविवार को अमेठी में स्मृति ईरानी ने कहा कि संसद के एक्ट से बने शिक्षण संस्थान अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हो सकते। स्मृति ने ये भी कहा कि सरकार को दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की शिक्षा की भी फ़िक्र है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर ये हैं विवाद
- 1967 – सुप्रीम कोर्ट का आदेश, एएमयू संसद के एक्ट से बना है इसलिए अल्पसंख्यक संस्थान नहीं।
- 1981 – संसद ने क़ानून में संशोधन कर मुस्लिम शिक्षा के लिए काम करने की इजाज़त दी।
- 2004 – मेडिकल पीजी में 50 फीसदी मुस्लिम आरक्षण को इलाहाबाद हाइकोर्ट में चुनौती।
- 2005 – इलाहाबाद हाइकोर्ट का आदेश, एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं।
- 2006 – हाइकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ एएमयू सुप्रीम कोर्ट गया।
- यूपीए सरकार ने कहा था कि 1988 में संविधान संशोधन से यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जा दिया गया।
- मौजूता नरेंद्र मोदी सरकार एएमयू को अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान नहीं मानती।
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट
- – देश में 6 से 14 साल के 25 फीसदी मुस्लिम बच्चे कभी स्कूल नहीं गए
- – अंडरग्रेजुएट कोर्स में प्रति 25 छात्रों में सिर्फ़ एक छात्र मुस्लिम
- – पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में प्रति 50 छात्रों में सिर्फ़ एक छात्र मुस्लिम
- – आइएएस अधिकारियों में सिर्फ़ 3 फीसदी मुस्लिम
- – आइपीएस अधिकारियों में सिर्फ़ 4 प्रतिशत मुस्लिम
- – आइएफ़एस अधिकारियों में सिर्फ़ 1.8 फीसदी मुस्लिम
- – आइआरएस अधिकारियों में सिर्फ़ 4.5 प्रतिशत मुस्लिम