अद्धयात्म
एकदंत: परशुराम की वजह से कहलाए गणेश ‘एकदंत’
श्री गणेश का दूसरा अवतार एकदंत का है। इनका वाहन मूषक बताया गया है। परशुराम के फरसे के प्रहार से गणेश जी का एक दांत खंडित हो गया था। इसीलिए उनके इस रूप को एकदंत कहा जाता है।
मदासुर नामक पराक्रमी दैत्य ने संपूर्ण धरती पर साम्राज्य स्थापित कर स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। भगवान शिव को भी पराजित कर दिया।
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असुरों का क्रूर शासन हर जगह चलने लगा। देवताओं की उपासना पर भगवान एकदंत प्रकट हुए। उनके एक वार से मदासुर बेहोश होकर गिर गया। होश में आया तो क्षमा मांगने लगा। एकदंत ने उसे भी पाताल में जाने को कह दिया।